

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे प्रधानमंत्री
LP Live, New Delhi: संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने सत्तापक्ष और मोदी सरकार पर जमकर हमले बोले, लेकिन सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाबी भाषण के दौरान समूचा विपक्ष सदन से वाकआउट करता नजर आया। पीएम मोदी ने कांग्रेस के नेतृत्व पर चल रहे विपक्षी दल पर भ्रष्टाचारियों के बचाव अभियान चलाने का आरोप लगाया और यहां तक कहा कि जो संविधान के साथ शपथ ले रहे हैं वे ही संविधान दिवस को विरोध दिवस के रुप में मनाकर अपने दोगलेपन का सबूत दे रहे हैं।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष की ओर से लगाए गए कई आरोपों का जवाब भी दे रहे थे। मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को बचाव का अभियान चला रहे विपक्ष को शर्म नहीं आ रही है। आज जब भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं तो वे विरोध कर रहे हैं। जांच एजेंसियों का सरकार दुरुपयोग करने के आरोप लगा रहे हैं। भ्रष्टाचार आप करें, शराब घोटाला करें आप, पानी तक में घोटाला करें आप। आप की शिकायत करें कांग्रेस। अब कार्रवाई हो तो गाली दें मोदी को। अब साथी बन गए हैं। अगर हिम्मत है तो सदन में खड़े होकर जवाब मांगे। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर सबूत पेश किए। अब यही बताएं कि सबूत सही थे या नहीं। मगर मुझे विश्वास है कि यह जवाब नहीं दे पाएंगे। यह दोगले लोग है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने काले कारनामे छिपाने का काम कर रही है। कांग्रेस का पदजीवी युग शुरू हुआ है। जहां खुद मैदान में उतरे वहां हार हुई। किसी और के कंधों पर आए तो जीत मिली।

संविधान विरोधी कांग्रेस
पीएम मोदी ने कहा कि वे ही संविधान की बात करते हैं, जो कभी संविधान की रक्षा नहीं कर पाए। कांग्रेस सबसे बड़ी संविधान की विरोधी है, जिसे 500 साल की बात करने का हक है, लेकिन आपातकाल पर नहीं बोलते और उसे बहुत पुराना मामला बताते है। आपातकाल एक मानवीय संकट भी था। उस समय कई लोगों की मौत हुई थी। आम आदमी को भी नहीं छोड़ा गया था। खुद के लोगों के साथ भी जुल्म हुआ था। शायद यह लोग भूल गए हैं। यहां तक कि कई लोगों का तो आजतक पता भी नहीं लगा। संसद के अंदर जो होता था वो रिकॉर्ड पर है। जब आपने लोकसभा को सात साल चलाया था तो वो कौन सा संविधान था। आज यह हमें संविधान सिखाते हैं। जरा बताएं हमें यह कौन सा संविधान है, जहां एक सासंद को एक कैबिनेट के निर्णय को सार्वजनिक रूप से फाड़ने का हक देता है।
पीएम ने कहा आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा हो। एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं।
हार की भी मनाई खुशी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस चुनाव नतीजों से कैपिटल मार्केट में तो उछाल नजर आ रहा है, लेकिन देश में भी उमंग का माहौल है। मगर इस बीच कांग्रेस के लोग भी खुशी के जश्न में मग्न हैं। मगर व समझ नहीं पाते हैं कि यह खुशी क्या हार की हैट्रिक की है या क्या यह खुशी एक और असफल लॉन्च की है। वह देख रहे थे कि खरगे भी बड़े उत्साहित नजर आ रहे थे। उनकी पार्टी ने उनकी बहुत सेवा की है। इस हार का ठीकरा जिन पर फूटना था उन्हें बचाकर वह खुद आगे खड़े हो गए। उन्हें लगता है कि 99 की संख्या 240 से बड़ी है और चुनाव में उन्होंने मोदी का हरा दिया है का खूब प्रचार किया, लेकिन उनके पूरे गठबंधन की संख्या से अकेले छह भाजपा की है और कांग्रेस 99 के फेर में ऐसी उलझी हुई है कि पिछले डेढ़ दशक से 100 का भी आंकड़ा नहीं छू पाई और फिर भी वह जीत का ढोल पीटकर खुशी मना रहे हैं।
