LP Live, New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार के महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के ख़िलाफ़ साल 1995 के दोहरे हत्याकांड में उम्र क़ैद सी सज़ा सुनाई है, जबकि इस मामले में शामिल बाकी सभी को बरी कर दिया है। सिंह को कुछ दिन पहले ही इस मामले में दोषी करार दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस दोहरे हत्याकांड में दोषी राजद नेता प्रभुनाथ सिंह को सुनवाई करते हुए कुछ दिन पहले दोषी करार दिया था, जबकि हत्याकांड में आरोपित बाकी सभी का बरी कर दिया था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उनके खिलाफ साल 1995 के दौरान दूसरी पार्टी को वोट देने वाले दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे पहले प्रभुनाथ सिंह को साक्ष्यों के अभाव में निचली अदालत और फिर पटना हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जहां पीड़ितों को ढाई दशक से ज्यादा समय बाद न्याय मिल सका।
क्या था मामला?
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान साल 1995 में 25 मार्च को सारण ज़िले की मशरख सीट पर मतदान हो रहा था, जहां जनता दल के उम्मीदवार अशोक सिंह और बिपीपा के उम्मीदवार प्रभुनाथ सिंह के बीच कड़ा मुकाबला था। आरोपों के अनुसार मतदान के दिन प्रभुनाथ सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ पानापुर प्रखंड के धेनुकी इलाके से गुज़र रहे थे और तभी दूसरे प्रत्याशी को वोट देकर लौट रहे कुछ युवकों पर प्रभुनाथ सिंह ने गोली चला दी थी। इसमें दो युवक राजेन्द्र राय और दरोगा राय की मौत हो गई थी। जबकि एक महिला के हाथ में भी गोली लगी थी, जिसकी मौत पिछले साल ही हुई है।