Select Language :

Home » उत्तर प्रदेश » यूपी विधानसभा सत्र की हंगामेदार शुरुआत

यूपी विधानसभा सत्र की हंगामेदार शुरुआत

योगी सरकार कई अहम विधेयकों व जरुरी कामकाज के साथ सदन में उतरी
विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने को तैयार सरकार: योगी
LP Live, Lucknow: सोमवार को यूपी विधानसभा के मानसून सत्र शुरु होते ही विपक्ष का हंगामा शुरु हो गया। सपा व विपक्षी दलो ने विभिन्न मुद्दों पर हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्य क्ष सतीश महाना ने सदस्योंत से शांति की अपील की, लेकिन विपक्ष नारेबाजी करते हुए हंगामा करता रहा, जिसके कारण एक बार स्थगन के बाद शुरु हुई कार्यवाही के बावजूद भी सपा सदस्य हंगामा करते नजर आए।

How to Make a News Portal

उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरु हुा। योगी सरकार इस सत्र में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और अहम विधेयकों के साथ सदन आई, जिसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विपक्ष से सहयोग की अपील की है। इसके बावजूद जैसे ही 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरु हुई तो सपा व अन्य विपक्षी दलों के विधायकों ने नारेबाजी करके हंगामा शुरु कर दिया।नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने गोरखपुर की घटना की जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि सदरन धमकी से नहीं चलेगा। नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को लेकर मुख्यामंत्री योगी आदित्यरनाथ ने कहा कि लोकतंत्र शब्द से कब से विपक्ष को विश्वारस होने लगा। योगी ने माता प्रसाद पांडेय को संबोधित करते हुए कहा कि आप वरिष्ठ नेता हैं। आपके कंधे पर बंदूक रखकर चलाया जा रहा है। सदन में हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थतगित करनी पड़ी। एक बार फिर यूपी विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सपा सदस्योंा ने नारेबाजी शुरू कर दी। जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे सब की बात सुनेंगे। वहीं योगी सरकार ने भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने का आश्वासन दे चुकी है, लेकिन सपा विधायकों ने एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष से अभद्र व्यंवहार का मुद्दा उठाते हुए नारेबाजी जारी रखी। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्नाु ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का हम बहुत सम्मािन करते हैं। कल दो बैठकों में नेता प्रतिपक्ष मौजूद रहे पर इस विषय पर कोई बातचीत नहीं की। विपक्ष बगैर किसी मुद्दे की जांच करने की मांग कर रहा है।

कावड लेकर पहुंचे अतुल प्रधान
यूपी विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन मेरठ की सरधना सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान का एक अलग अंदाज देखने को मिला। सपा विधायक आज कांवड़ लेकर विधानसभा परिसर पहुंचे, इस कांवड़ में एक तरफ लिखा था कि ‘हमें चाहिए पाठशाला’ और दूसरी तरफ था, ‘हमें नहीं चाहिए मधुशाला’ अतुल प्रधान ने इस दौरान यूपी में स्कूल मर्जर को लेकर सवाल उठाए और कहा कि सरकारी स्कूलों को बंद करने का नियम किसने बनाया है? 2019 में पहले बंद करने का काम किया। आखिर सरकारी स्कूलों में कौन पढ़ता है? यहां गरीब-मजदूर छोटा-मोटा व्यापार करने व्यापार करने वालो के बच्चे पढ़ते हैं। वहीं विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सपा विधायकों ने बैनर और तख्तीर लेकर प्रदर्शन किया। इन पोस्टारों पर लिखा था आप चलाइए मधुशाला, हम चलाएंगे पीडीए पाठशाला। यूपी में अपराधी घूमे बेखौफ। अत्याढचार फैला हर ओर। सपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर रैली निकाली।

यूपी विजन डॉक्युलमेंट 2047 पर होगी चर्चा
सदन में 13 अगस्त की सुबह 11 बजे विकसित भारत, विकसित यूपी विजन डॉक्युकमेंट 2047 पर लगातार 24 घंटे की चर्चा होगी। इसमें सरकार विभागवार उपलब्धियां और विजन रखेगी, जबकि विपक्ष के सवाल और सुझाव भी आएंगे। सत्र में बांके बिहारी कॉ‍रिडोर आर्डिनेंस और उच्च शिक्षा व अन्य विभागों से जुड़े अहम विधेयक भी पास करवाने की तैयारी है। मॉनसून सत्र का अभी जो कार्यक्रम तय किया गया है उसके अनुसार 14 अगस्त तक सत्र चलेगा।

पटल पर रखें जाएंगे छह अध्यादेश
मॉनसून सत्र की कार्यवाही में छह महत्वपूर्ण अध्यादेशों को सदन के पटल पर रखा जाएगा। इनमें उत्तर प्रदेश श्री बांके बिहारी मंदिर न्यास अध्यादेश, 2025, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन और संरक्षण के लिए न्यास की स्थापना, उत्तर प्रदेश निरसन अध्यादेश 2025 पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया, उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (संशोधन) अध्यादेश 2025 में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए संशोधन, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश 2025 और द्वितीय संशोधन अध्यादेश 2025 निजी विश्वविद्यालयों के नियमन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2025, शामिल हैं।

कांग्रेस सत्र बढ़ाने की मांग
कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने कहा कि ‘विजन डॉक्यूमेंट’ पर व्यापक चर्चा के लिए सत्र की अवधि बढ़ाई जाए। 15-16 अगस्त की छुट्टियों के बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाने का सुझाव है, ताकि सभी विधायकों को अपनी बात रखने का मौका मिले। 25 करोड़ की आबादी का प्रतिनिधित्व तभी संभव है, जब सभी विधायकों के सुझाव इस दस्तावेज में शामिल हों। आराधना मिश्रा ने प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर भी गहरी चिंता व्यक्त की।

Share this post:

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

खबरें और भी हैं...

वोट करें

Are You Satisfied Lokpath Live

Our Visitor

0 3 0 1 4 9
Total views : 87627

Follow us on