यूपी: अब रोडवेज परिचालकों का हो सकेगा पारस्परिक स्थानांतरण
योगी सरकार के फैसले से गृह जनपद में सेवा दे सकेंगे परिचालक


छह माह की सेवा और 30 हजार किलोमीटर की दूरी पूरी करने पर सहमति से मिलेगा स्थानांतरण
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने परिवहन निगम में कार्यरत आउटसोर्स परिचालकों को बड़ी राहत दी है। इसके तहत अब आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त परिचालकों का पारस्परिक स्थानांतरण संभव होगा। यह कदम परिचालकों की सुविधा, निगम की कार्यक्षमता और राजस्व में वृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने घोषणा करते हुए बताया कि वर्तमान व्यवस्था में परिचालकों को जहां नियुक्त किया जाता है, वहीं पर सेवा देनी होती है, लेकिन अब ऐसे परिचालक, जिन्होंने कम से कम छह माह की सेवा और 30,000 किलोमीटर की दूरी पूरी कर ली है, वे आपसी सहमति से स्थानांतरण करा सकेंगे। इस फैसले से दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात परिचालकों को अपने गृह जनपद या उसके समीपस्थ स्थानों पर सेवा देने का अवसर मिलेगा। इससे उनकी अनुपस्थिति और अवकाश लेने की प्रवृत्ति में कमी आएगी, जिससे बसों का संचालन सुगमता से हो सकेगा। वहीं सरकार के इस निर्णय से परिवहन निगम की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

परिवहन निगम की आय में हाेगा इजाफा
परिवहन मंत्री ने बताया कि परिचालकों की नियमित उपलब्धता से कार्यदिवस बढ़ेंगे, बसों की संख्या में इज़ाफा होगा और इसके परिणामस्वरूप परिवहन निगम की आय में भी वृद्धि होगी। यात्रियों को समय पर और नियमित बसें मिलेंगी, जिससे उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में आसानी होगी। योगी सरकार का यह फैसला न केवल परिचालकों के हित में है, बल्कि इससे आम जनता को भी सीधा लाभ मिलेगा। सरकार का उद्देश्य हर क्षेत्र में पारदर्शिता, सुविधा और विकास को बढ़ावा देना है और यह कदम उसी दिशा में एक और मजबूत प्रयास है।
