महिला आरक्षण बिल से नए संसद भवन में सत्र की शुरुआत
लोकसभा में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' के रुप में पेश हुआ विधेयक
लोकसभा में पेश हुए महिला आरक्षण संबन्धी विधेयक के समर्थन में ज्यादातर दल
LP Live, New Delhi: संसद के विशेष सत्र की नई संसद में शुरु हुई लोकसभा की कार्यवाही के दौरान अरसे से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को बदले नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रुप में पेश कर दिया गया है, जिस पर बुधवार को चर्चा की जाएगी। इस विधेयक को पेश करने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में महिलाओं के सम्मान में आरक्षण विधेयक के संकल्प को दोहराते हुए संकेत दिये।
भारत का संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में पीएम मोदी और कांग्रेस नेता अधीर रंजन के वक्तव्य के बाद केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिलाओं को आरक्षण संबन्धी नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल पेश किया। इससे पहले मेघवाल ने बिल पेश करने का प्रस्ताव करते हुए सदन को पहले निरस्त हो चुके महिला आरक्षण विधेयक में महिलाओं के सशक्तिकरण को गति देने के लिए किये गये संशोधन की भी जानकारी दी। इस पर विपक्ष खासकर कांग्रेस सदस्यों ने विरोध करते हुए पुराने विधेयक को पेश करने पर जोर देते हुए हंगामा भी किया, लेकिन मोदी सरकार ने एक दिन पहले कैबिनेट में मंजूरी दी गई महिला आरक्षण संबन्धी विधेयक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को पेश कर दिया गया, जिस पर चर्चा की जाएगी। मेघवाल ने कहा कि यह विधेयक देश की महिला सशक्तिकरण में एक मील का पत्थर साबित होगा, जिसमें महिलाएं भारत को विकसित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
बुधवार को होगी विधेयक पर चर्चा
लोकसभा में पेश हुए महिला आरक्षण संबन्नधी विधेयक के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और सदन की कार्यवाही को बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले स्पीकर ने बिल को पुरस्थापित करने के लिए सदन की अनुमति मांगी, जिसमे सर्वसम्मिति से समूचे सदन से कोई विरोध नहीं आया और बिल आधिकारिक रूप से पेश हो गया। अब नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक पर बुधवार को चर्चा शुरु की जाएगी, जिसके बाद इसे पारित करने का प्रयास होगा।
ऐसे हुई नए भवन में संसदीय कार्यवाही की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुराने संसद से नए संसद भवन में प्रवेश से पहले केंद्रीय कक्ष में विदाई भाषण में देश को विकसित बनाने का आव्हान किया। वहीं उन्होंने नए भवन में शुरु हुई विशेष सत्र की लोकसभा की पहली कार्यवाही के दौरान अपना उद्घाटन भाषण में कहा कि यह दिन इसीलिए इतिहास में अमृत्व को प्राप्त करने जा रही है। यानी महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने का संकल्प लिया, जिसे एक दिन पहले ही मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। नए संसद भवन में लोकसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहाकि आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व कर रही हैं तो बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण में हमारी माताएं-बहनें, हमारी नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें। योगदान ही नहीं, महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाएं। उन्होंने देश के इस नए बदलाव का आह्वान किया है कि देश की नारी शक्ति के लिए सभी सांसद मिलकर नए प्रवेश द्वार खोल दें इसका आरंभ हम इस महत्वपूर्ण निर्णय से करने जा रहे हैं। महिलाओं के नेतृत्व में विकास के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हमारी सरकार एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक पेश कर रही है। इस उद्देश्य लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी को विस्तार देना है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम इस माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। वह देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देते हैं। वह सभी माताओं, बहनों, बेटियों को आश्वस्त करते हैं कि हम इस विधेयक को अमल में लाने के लिए संकल्पित हैं।
ढाई दशक से लंबित है बिल
नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में वह विश्वास और गर्व से कह रहे हैं कि आज का यह पल और आज का यह दिवस संवत्सरी और गणेश चतुर्थी का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए इतिहास में नाम दर्ज करने वाला समय है। हम सभी के लिए यह पल गर्व का है। अनेक वर्षों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई हैं। बहुत वाद-विवाद हुए हैं। महिला आरक्षण को लेकर संसद में पहले भी कुछ प्रयास हुए हैं। 1996 में इससे जुड़ा विधेयक पहली बार पेश हुआ। अटलजी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया, लेकिन उसे पार कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए और उस कारण से वह सपना अधूरा रह गया। महिलाओं को अधिकार देने, उन्हें शक्ति देने जैसे पवित्र कामों के लिए शायद ईश्वर ने मुझे चुना है। एक बार फिर हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है।