केंद्रीय गृह मंत्री ने मणिपुर के हालातों पर अफसरों की बुलाई बैठक
लंबे समय से चल रही हिंसा के लिए सीएम बीरेन सिंह पर खड़े किये सवाल
LP Live, New Delhi: उत्तर पूर्व के राज्य मणिपुर पिछले लंबे समय से अशांत चल रहा है, जहां एक बार फिर से हिंसा का तांडव जारी है। इसी बीच प्रदेश की भाजपा सरकार को समर्थन दे रही एनपीपी ने हिंसा रोकने में नाकाम मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की कोशिशों पर सवाल भी खड़े करते हुए समर्थन वापस ले लिया है। हालांकि भाजपा के पास 60 में से 37 विधायकों के साथ बहुमत है, जहां बिना किसी अन्य दल के सरकार चलती रहेगी। उधर मणिपुर के हालातों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी की सरकार से भले ही समर्थन वापस ले लिया हो, लेकिन इसका प्रदेश की भाजपानीत राजग सरकार पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 37 सदस्य हैं, जहां बहुमत के लिए 31 सदस्य आवश्यक हैं। इसलिए इस दल के समर्थन के वापस लेने के कोई मायने नहीं है, लेकिन भाजपानीत राजग गठबंधन के लिए एक झटका माना जा रहा है। एनपीपी ने राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर राज्य में हिंसा रोकने को लेकर सवालिया निशान खड़े किये और भाजपा की सरकार पर राज्य में लंबे समय से चल रही अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया है। राज्यसभा विधानसभा में भाजपा के 37 सदस्यों के अलावा नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच सीटें, एनपीपी सात, जनता दल (यू) एक, निर्दलीय उम्मीदवार तीन, कांग्रेस के पास पांच सीटें और केपीए के पास विधानसभा में दो सीटें हैं।
गृहमंत्री ने बुलाई बैठक
मणिपुर के इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई, जिसमें मणिपुर में जारी हिंसा के हालत को लेकर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, इसके अलावा वह कल इस मुद्दे पर विस्तृत बैठक करेंगे।