बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना हरियाणा
पचपन साल में बढ़कर 13106.58 मेगावाट हुई बिजली उपलब्धता
यमुनानगर में लग रहा है 900 मेगावाट का नया पावर प्लांट
LP Live, Chandigarh: चंडीगढ़। हरियाणा ने अपने 55 साल के सफर में राज्य को बिजली की उपलब्धता में आत्मनिर्भर बना लिया है। प्रदेश के गठन के समय जहां राज्य में 343 मेगावाट बिजली थी, वहीं आज बढ़कर 13106.58 मेगावाट से ज्यादा हो गई है। इसी प्रकार बिजली उत्पादन में भी राज्य लगातार आगे बढ़ रहा है। इस उपलब्धि में बिजली निगमों व हरियाणा बिजली विनियामक आयोग की अहम भूमिका रही है।
यमुनानगर बिजली पावर प्लांट को हरी झंडी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में बिजली उत्पादन निगम 2582.40 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही है, जिसमें पानीपत थर्मल प्लांट से 710 मेगावाट, राजीव गांधी थर्मल प्लांट खेदड़ से 1200 मेगावाट, दीनबंधु छोटूराम थर्मल प्लांट यमुनानगर में 600 मेगावाट के अलावा वेस्टर्न यमुना कैनाल में 62.4 मेगावाट हाइड्रो तथा पानीपत पावर प्लांट से 10 मेगावाट सोलर का बिजली उत्पादन होता है।
कृषि क्षेत्र में 6.64 लाख से ज्यादा कनेक्शन
हरियाणा में 1966 में जहां हरियाणा में 20,190 कृषि के लिए बिजली कनेक्शन थे, जो अब 2022 में बढक़र 6,64,882 हो गए हैं। इसी प्रकार इस दौरान 9749 ओद्यौगिक क्षेत्र के बिजली कनेक्शन भी बढ़कर 1,18, हो गए हैं। साल 1966 में जहां प्रति व्यक्ति 48 यूनिट बिजली की खपत थी, वहीं अब बढक़र करीब 1805 यूनिट हो गई है। प्रदेश में इस दौरान बिजली उपभोक्ताओं की संख्या भी बढकर 73,82,836 हो गई है। मुख्मंत्री ने राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए एनसीआर से बाहर यमुनानगर में 900 मेगावाट एक और पावर प्लांट लगाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है और शीघ्र ही इसके स्थल चयन व डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी।
म्हारा गांव-जगमग गांव योजना से से रोशन हरियाणा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिजली की आपूर्ति की बढ़ती मांग को देखते हुए वर्ष 2016 में म्हारा गांव-जगमग गांव योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत अब इस समय प्रदेश के 5681 अर्थात 84 प्रतिशत गांवों को 24 घंटे बिजली दी जा रही है। जबकि अक्तूबर,2014 में केवल मात्र 538 गांवों में 24 घंटे बिजली दी जा रही थी। वहीं अक्तूबर 2014 में ग्रामीण क्षेत्र से बिजली बिलों की रिकवरी 50 प्रतिशत से भी कम थी, जो अब बढक़र 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है। इस प्रकार आज हरियाणा बिजली उत्पादन में न केवल आत्मनिर्भर बना है बल्कि बिजली से चलने वाले उद्योग धंधों और अन्य आधारभूत सुविधाओं में भी देश में शीर्ष स्थान पर है।