डेढ़ दर्जन मृतक किसानों को भी जारी हुई किसान निधि की राशि
LP Live, Chandigarh: हरियाणा में पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे पलवल जिले के 183 किसानों को हरियाणा सरकार ने वसूली के लिए नोटिस जारी कर दिये हैं। जांच पड़ताल में ये किसान अपात्र पाए गये हैं, जिनसे वसूली की जाएगी। इनमें 18 किसान ऐसे थे कि जो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके नाम से आर्थिक लाभ लिया जा रहा था।
हरियाणा सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत लाभ ले रहे अपात्र किसानों पर कार्यवाही शुरु होना शुरु हो गया है। पलवल जिले में ऐसे 183 किसान पाए गये जो अपात्र होते हुए भी पीएम किसान निधि का लाभ ले रहे थे। सरकार की ओर से इन किसानों से किसान निधि की रिकवरी करने के लिए नोटिस जारी कर दिये हैं। जांच पड़ताल में पाया गया कि केंद्र सरकार की इस योजना का पात्र न होते हुए भी ये किसान आर्थिक लाभ ले रहें हैं। यही नहीं इन अपात्र लाभार्थियों में ऐसे लोग भी शामिल है, जो सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद भारी भरकम पेंशन भी ले रहें हैं और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का भी लाभ उठा रहे थे।
हरियाणा में पलवल जिले के हजारों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त लाभ मिला है, लेकिन इस मामले में अपात्र किसान पिछले लंबे समय से किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे थे, जब सरकार को इस मामले में जानकारी हुई तो तत्परता से कार्रवाई करते हुए पाया गया, कि इनमें से सरकार ने पलवल जिले में अब तक 183 किसान को अपात्र पाया है। अपात्र किसान 18 लाख 4000 की राशि सरकार से ले चुके थे। जिसकी रिकवरी के आदेशों को लेकर कृषि विभाग द्वारा किसानों को नोटिस जारी किया है, जिसमें से कुछ किसानों ने किसान सम्मान निधि के लगभग 268000 की धनराशि वापस कर दी है। कृषि खंड अधिकारी देवेंद्र कुमार ने बताया कि किसानों को नोटिस दे दिया गया है लेकिन कुछ किसान अभी तक इस राशि को नहीं लौटा पाए हैं जो कि चिंता का विषय है जिसमें 18 किसान की तो मौत भी हो चुकी है।
क्या है योजना
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को सालाना 6000 रुपए की आर्थिक राशि जारी की जाती है। केंद्र सरकार यह राशि हर 4 महीने के अंतराल पर 3 किस्तों में 2-2 हजार रुपए करके भेजी जाती है। इस योजना की अब तक 14 किस्तें दी जा चुकी हैं। कृषि खंड अधिकारी देवेंद्र कुमार ने बताया कि किसानों को नोटिस दे दिया गया है लेकिन कुछ किसान अभी तक इस राशि को नहीं लौटा पाए हैं जो कि चिंता का विषय है। बरहाल सरकारी योजनाओं का इस तरह से अपात्र लोगों का लाभ उठाना देश का कोई नया मामला नहीं है। अब देखना यह होगा कि आवेदन के समय अपात्र किसानों से जो फार्म भरवाये गए थे उनमें किन अधिकारियों की लापरवाही रही क्या उन पर कार्रवाई की जाएगी।