

साल 2030 तक अर्थव्यवस्था के लिहाज से देश में नंबर वन होगा यूपी
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति देश भर में चर्चा का विषय बनने लगी है। मसलन भाजपा शासनकाल के दौरान यूपी की अर्थव्यवस्था आठवें स्थान से दूसरे नंबर पर आ चुकी है और योगी सरकार का संकल्प है कि साल 2030 तक उत्तर प्रदेश अर्थव्यवस्था के हिसाब से भारत में पहले पायदान पर होगा।
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था सातवें या आठवें स्थान के ईदगिर्द घूमती रही है, लेकिन मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था सिर चढ़कर बोलती नजर आ रही है और अब अर्थव्यवस्था के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है, जिसे योगी सरकार ने अगले पांच साल में पहले स्थान पर पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश की अर्थव्यवस्था का कुल आकार भी 12 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर आज 27.5 हजार करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था पर पहुंच गया है। वहीं देश की जीडीपी में उत्तर प्रदेश का योगदान 9.2 फीसद है। जीडीपी की ग्रोथ राष्ट्रीय औसत 9.6 फीसद की तुलना में 11.6 फीसद है। मुख्यमंत्री योगी की मंशा के मुताबिक उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पूरी मजबूती के साथ चौतरफा प्रयास जारी है।

नीति आयोग की नजर में यूपी की अर्थव्यवस्था
नीति आयोग ने राजकोषीय स्थित के संबंध में जारी रिपोर्ट में यूपी को फ्रंट रनर राज्य की श्रेणी में रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ ने भी कर की प्राप्तियों में उत्तर प्रदेश को देश में दूसरे स्थान पर रखा है। पिछले पांच वर्षों से रेवेन्यू सरप्लस स्टेट की स्थित इस बात का प्रमाण है कि सरकार ने प्रभावी तरीके से कर चोरी, इसके लीकेज को खत्म किया है। इसमें डिजिटलाइजेशन को बढ़ाकर व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ऋण और जमा अनुपात (सीडी रेशियो) जो हर दम से प्रदेश की समस्या रही है उसमें भी अच्छा खासा सुधार हुआ है। 2016/2017 में यह 46 फीसद था। 2024 में बढ़कर 61 फीसद हो गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार ने इसके लिए 67 से 70 फीसद का लक्ष्य रखा है। अर्थव्यवस्था में सुधार होने से बैंकों ने भी उत्तर प्रदेश के प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करने में रुचि दिखाई है। आरबी आई की अगस्त 2023 की बुलेटिन के अनुसार फंड आकर्षित करने में 16.2 फीसद की हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है।
तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था
लखनऊ में हाल ही में योजना विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा था कि करीब 56 फीसद युवा आबादी, नौ तरह के अलग कृषि जलवायु क्षेत्र, पानी की भरपूर उपलब्धता आदि के जरिये यह संभव है। उन्होंने अलग-अलग जिलों को आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाने के लिए जिस एक्शन प्लान का जिक्र किया था, उस पर योगी सरकार पहले से काम कर रही है। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना और एक जिला-एक जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) इसकी कड़ी है। अब तो सरकार इससे भी आगे एक जिला एक पकवान के बाबत सोच रही है। ओडीओपी योजना प्रदेश की सफलतम योजना है। इसकी तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भर कर चुके हैं। इंडोनेशिया जैसे देश भी इसकी इसके मुरीद हैं।
