

धाम पहुंचने के लिए आठ घंटे का सफर 36 मिनट में होगा पूरा
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार ने केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोप-वे प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए श्रद्धालुओं को बड़ी सौगात दी है। इस परियोजना को चार से छह साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद तीर्थ यात्रियों का आवागमन आसान होगा और घंटों का समय बचाया जा सकेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के इस प्रस्ताव की मंजूरी की जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन रोप-वे परियोजनाओं पर डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण-डीबीएफओटी मोड पर काम कराया जाएगा, जिन्हें चार से छह वर्ष मंं पूरा किया जाएगा। दोनों रोपवे परियोजनाओं को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) द्वारा बनाया जाएगा।
क्या है परियोजना का प्रस्ताव
केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव के तहत राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम-पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी दी गई है। इसमें गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किमी रोपवे परियोजना को डीबीएफओटी मोड पर 10.55 किलोमीटर तक गोविंदघाट से घांघरिया तक और 1.85 किलोमीटर घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक तैयार किया जाएगा। इस परियोजना पर 2730.13 करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है। करीब 15 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब की यात्रा गोविंदघाट से 21 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है। यहां स्थापित गुरुद्वारा मई से सितंबर के बीच साल में लगभग 5 महीने के लिए खुलता है।
तीर्थ यात्रियों को होगा लाभ
इस रोपवे से हेमकुंड साहिब के दर्शन के साथ ही फूलों की घाटी का दौरा करने वाले पर्यटकों को भी सुविधा होगी जो घांघरिया से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर है। इस तीर्थ पर हर साल करीब दो लाख यात्री पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय हेमकुंड साहिब में चार से पांच घंटे ही दर्शन हो पाते हैं। रोपवे बनने के बाद दिन में दस घंटे तक दर्शन की सुविधा संभव हो सकेगी। रोपवे के माध्यम से एक दिन में करीब 1100 यात्री आ जा सकेंगे। उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ 12.9 किलोमीटर लम्बी रोपवे परियोजना के निर्माण पर 4081.28 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। परियोजना का डिजाइन क्षमता 1800 यात्री प्रति घंटे प्रति दिशा होगी, जिसकी प्रति दिन 18,000 यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने की क्षमता होगी। गोंडोला मिनी बस के समान होगा, जिसमें एक बार में 36 यात्री सवारी कर सकेंगे।
घंटों समय की बचत
केदारनाथ एवं हेमकुंड साहिब के लिए माल पहुंचाने के लिए भी रोपवे सेवा बहुत उपयोगी साबित होगी। सामान के परिवहन की लागत घटने से यात्रियों को भी लाभ होगा। उत्तराखंड में इन परियोजनाओं के तहत रोपवे निर्माण से केदारनाथ की यात्रा गौरीकुंड से 16 किलोमीटर चढ़ाई में 8 से 9 घंटे की अवधि घटकर 36 मिनट रह जाएगी। प्रस्तावित रोपवे की योजना मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।
