संसद के विशेष सत्र बुलाने के निर्णय पर विपक्ष में बढ़ी हलचल
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार ने ‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इसलिए अब प्रस्तावित संसद के विशेष सत्र में एक देश-एक चुनाव के लिए विधेयक लाने की अटकलों पर विराम लग गया है, लेकिन विशेष सत्र में अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को लेकर विपक्ष में हलचल मची हुई है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को जानकारी दी है कि केंद्र सरकार ने देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर एक उच्चस्तरीय कमेटी के गठन किया है। सरकार के इस फैसले की जानकारी को उस समय सार्वजनिक किया गया, जब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व राष्ट्रपति के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। जोशी ने कहा के विशेष सत्र में इससे संबन्धित विधेयक लाने की संभावनाओं को लेकर विपक्ष को इतना घ्रबराने की जरुरत नहीं है। अभी तो समिति बनाई गई है, जिसकी रिपोर्ट के बाद आम राय ली जाएगी और फिर संसद में चर्चा भी होगी। सरकार का कमेटी गठित करने का फैसला 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के ऐलान के बाद आया है, जिसे लेकर विपक्षी दलों में सियासी हलचल मची हुई है, जबकि अभी सरकार ने संसद के विशेष सत्र का एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया है।
समिति करेगी सिफारिश
केंद्र सरकार रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘ एक देश एक चुनाव’ के मुद्दे पर गठित समिति की जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी, जिसमें समिति के गठन का उद्देश्य, दायरा, सदस्यों के नाम और विचार कर सिफारिश देने की समय सीमा सहित अन्य जरूरी तथ्य हो सकते हैं। लेकिन यह तय है कि कोविंद की अध्यक्षता वाली यह कमेटी देश में ‘ एक देश एक चुनाव’ से जुड़े तकनीकी, कानूनी एवं संवैधानिक पहलुओं पर विचार विमर्श कर अपने सुझाव भारत सरकार को देगी और इन सुझावों एवं सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार इस कानून के मामले में अपनी भविष्य की रणनीति और एजेंडा तैयार करेगी।