उमेशपाल अपहरण कांड: अतीक समेत तीन को उम्र कैद की सजा
तीनो पर सजा के साथ एक-एक लाख का जुर्माना, सात बरी

सत्रह साल बाद परिवार को मिला इंसाफ
LP Live, Prayagraj: सत्रह साल पहले 2006 के उमेशपाल अपहरण मामले में मुख्य अभियुक्त माफिया अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को प्रयागराज में एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश डा. दिनेश चंद्र शुक्ल ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 आरोपियों को अदालन ने दोषमुक्त कर दिया है। उमेश पाल की पिछले महीने 24 फरवरी को पहले प्रयागराज में हत्या हो गई थी। उमेश पाल के परिवार ने कोर्ट से माफिया अतीक के खिलाफ मृत्युदंड की मांग की है।
इससे पहले अतीक अहमद को प्रयागराज के नैनी जेल से यूपी पुलिस ने एमपी-एमएल कोर्ट में पेश किया। पेशी के दौरान कोर्ट में उमेशपाल अपहरण मामले में अदालत ने अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान शौकत हनीफ (अधिवक्ता) को दोषी करार दे दिया है, जबकि सात अन्य को दोषमुक्त किया गया। कोर्ट से बरी हुए सातो आरोपी पिछले महीने उमेश पाल हत्याकांड में नामजद है, जिनका पुलिस इस मामले में रिमांड मांग सकती है।
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मंगलवार को कोर्ट में न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ल ने सत्रह साल पहले उमेश अपहरण कांड में माफिया अतीक अहमद समेत दस आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। इस मामले में अतीक अहमद, अशरफ अहमद, दिनेश पासी, जावेद, इसरार, फरहान, खान सौलत हनीफ, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर आरोपी हैं। फैसला सुनते ही अशरफ कोर्ट रूम में रोने लगा। फैसले के बाद कोर्ट ने अपने सिर पर हाथ रख लिया। अभी सजा का फैसला सुरक्षित कर लिया गया है। गौरतलब है कि 2006 में हुए उमेशपाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ अहमद व फरहान को मंगलवार को इस कोर्ट में पेश किया गया। उल्लेखनीय है कि गत 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल अशरफ के सामने चुनाव जीतने वाले विधायक राजेशपाल हत्याकांड में मुख्य गवाह था। बयान बदलवाने के लिए तब उमेशपाल का अपहरण किया गया था और उसके साथ मारपीट की गई थी। राजेशपाल की हत्या का आरोप भी अतीक, अशरफ व अन्य लोगों पर है। उमेश पाल की भी पिछले दिनों हत्या कर दी गई है। उमेश पाल की हत्या के बाद उमेश पाल की पत्नी की तहरीर पर अतीक अहमद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन और कई अन्य लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
साल 2009 में तय हुए आरोप
प्रयागराज जिले की धूमनगंज पुलिस ने उमेश पाल की तहरीर पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 364, 323, 341, 342, 504, 506, 34, 120बी और सेवन सीएल अमेंडमेंट एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान जावेद उर्फ बज्जू, फरहान, आबिद, इसरार, आसिफ उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर का नाम सामने आया। पुलिस की रिपोर्ट दाखिल होने के बाद कोर्ट ने 2009 में आरोप तय कर दिए।
संगीन मामलों में लिप्त अतीक
अतीक के खिलाफ 100 से ज्यादा केस यूपी में दर्ज है, लेकिन उसके रसूख के सामने किसी भी मामले में कार्रवाई नहीं हो सकी। उमेशपाल के अपहरण का यह पहला मामला है, जिसमें अतीक के खौफ का हिसाब होना है जो इस वक्त खुद खौफ के साये में है। अतीक के खिलाफ गुंडा एक्ट भी दर्ज हुए, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया गया।
