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इसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन, विश्वभर में शोक की लहर!

एम मोदी ने जताया गहरा शोक, एक सप्ताह तक चलेगी अंतिम दर्शन की प्रक्रिया

अब नए पोप के लिए शुरु होगी प्रक्रिया, चार भारतीय भी करेंगे मतदान
LP Live, Rom: विश्वभर में अपने विनम्र स्वभाव और गरीबों के चिंतक एवं करूणा भाव तथा एक सहृदय पोप के रूप में अपनी छाप छोड़ने वाले कैथोलिक समुदाय के पहले लैटिन अमेरिकी पादरी एवं पोप फ्रांसिस का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नर्रेन्द्र मोदी ने भी अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक जताया है।

पोप फ्रांसिस के निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन के लिए एक सप्ताह तक की प्रक्रिया शुरु हो गई है। इस दौरान सबसे पहले सेंट मार्टा चैपल में वेटिकन के अधिकारी और फिर सेंट पीटर्स में आम लोग न्हें श्रद्धांजलि देंगे। बताया गया है कि फ्रांसिस फेफड़ों संबंधी रोग से पीड़ित थे और युवावस्था में उनकी सर्जरी के दौरान चिकित्सकों को उनके फेफड़े का एक हिस्सा निकालना पड़ा था। पोप को 14 फरवरी 2025 को, सांस लेने में तकलीफ होने के कारण जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके स्वास्थ्य से संबंधित इस समस्या ने बाद में ‘डबल निमोनिया’ का रूप ले लिया था। वह अस्पताल में 38 दिन भर्ती रहे थे, जो पोप के पद पर उनके 12 साल के कार्यकाल के दौरान अस्पताल में (भर्ती) रहने की सबसे लंबी अवधि थी। इसके बावजूद एक दिन पहले ही वे बीते ईस्टर रविवार को सेंट पीटर्स स्क्वायर में हजारों लोगों को आशीर्वाद देने के लिए सामने आई, जहां लोगो ने उनका स्वागत किया, लेकिन सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस का प्रतीक बताया। सोशल मीडिया पर पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि पोप फ्रांसिस के निधन से अत्यउधिक दुखी हैं और दुख और स्मरण की इस घड़ी में वह वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा। मोदी ने पोप के साथ हुई मुलाकातों का भी स्मरण किया।

अब ऐसे होगा नए पोप का चुनाव
एक परंपरा के अनुसार पोप की मृत्यु के बाद नए पोप की तैयारियां भी शुरु हो जाएंगी। इसके लिए कार्डिनल्स का कॉलेज चर्च के अगले प्रमुख का चुनाव करने के लिए एक साथ आता है। कॉन्क्लेव के नियमों के अनुसार 252 कार्डिनल्स में से 138 निर्वाचक हैं। सिस्टीन चैपल में गुप्त मतदान में केवल 80 वर्ष से कम आयु के लोग ही भाग ले सकते हैं। लगभग 120 लोग अपने चुने हुए उम्मीदवार के लिए गुप्त रूप से मतदान करेंगे, अपना नाम मतपत्र पर लिखेंगे और इसे एक प्याले में रखेंगे। यदि किसी भी उम्मीदवार को आवश्यक दो-तिहाई बहुमत नहीं मिलता है, तो मतदान का एक और दौर होगा। एक दिन में अधिकतम चार दौर हो सकते हैं। इसके लिए मतदान में चार भारतीय भी हिस्सा लेंगे। भारत में वर्तमान में छह कार्डिनल हैं, जिनमें से दो कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस और कार्डिनल जॉर्ज एलेनचेरी 80 वर्ष के हैं और बाकी 80 वर्ष से कम आयु के हैं। नए पोप के लिए मतदान करने वाले कार्डिनल में कार्डिनल फिलिप नेरी फेराओ, कार्डिनल क्लेमिस बेसिलियोस, कार्डिनल एंथनी पूला और कार्डिनल जॉर्ज जैकब कूवाकड शामिल होंगे। बाकी के दो कार्डिनल ज्यादा उम्र के कारण नए पोप के चुनाव में मतदान नहीं कर सकेंगे।

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