सरकारी कर्मचारी से प्रथम श्रेणी के अधिकारी तक घूस लेते पकड़े गए
LP Live, Chandigarh: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति की अनुपालना में राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने अपनी छापेमारी तेज कर रखा है। सरकार की इसी सख्ती के तहत ने वर्ष 2022 के दौरान 170 जगह छापेमारी कर 220 सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों व प्राइवेट लोगों को सलाखों के पीछे भेजा है।
सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने छापामारी के दौरान इनसे दो ह जार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं। वहीं ब्यूरो ने इस अवधि के दौरान 19 विशेष जांच व तकनीकी जांचों की रिपोर्ट भी सरकार को भेजी, जिनमें से सात में कार्य संतोषजनक पाए गए तथा 11 कार्यों में 28 राजपत्रित अधिकारियों व 13 अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश करते हुए 73,05,647 रुपये की वसूली संबंधित एजेंसी से करने की सिफारिश की गई। जबकि एक कार्य में तीन राजपत्रित अधिकारियों व दो अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गई।
सरकारी विभागों में मिले भ्रष्टाचारी
इसी प्रकार ब्यूरो ने 65 जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, राजस्व, हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम, शहरी स्थानीय निकाय, पंचायती राज, नगर एवं ग्राम आयोजना, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग, समाज कल्याण, विकास एवं पंचायत, परिवहन, लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें)विभाग तथा खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभागों के 22 राजपत्रित, 23 अराजपत्रित अधिकारियों तथा 12 प्राइवेट व्यक्तियों के विरूद्घ सरकार के आदेशों पर 65 जांचें दर्ज कर कार्यवाही शुरू की। ब्यूरो द्वारा इस अवधि के दौरान शिकायतों एवं जाचों के आधार पर ब्यूरो ने भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 76 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें 30 प्रथम श्रेणी अधिकारियों, 61 द्वितीय श्रेणी अधिकारियों तथा 93 तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों व 55 प्राइवेट व्यक्तियों सहित 184 सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाना शामिल है।