हरियाणा

हरियाणा में चिकित्सकों, नर्सों व स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण अनिवार्य

सरकार की इंटीग्रेटिड हेल्थ लैबारेटरी स्थापित करने की योजना

LP Live, Chandigarh: हरियाणा सरकार ने सरकारी चिकित्सकों, नर्सों व पैरामैडीकल स्टाफ को अपडेट व अपग्रेड करने के लिए प्रशिक्षण को अनिवार्य किया है, जिसके लिए एक प्रशिक्षण दस्तावेज तैयार किया जाएगा।
हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के साथ-साथ मेडिकल कालेजों में कार्यरत सभी डाक्टरों, नर्सों व पैरामैडीकल स्टाफ के लिए भी अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, सेवादार सभी स्वास्थ्यकर्मियों को वर्दी पहनना अनिवार्य होगा, ताकि मरीजों को अस्पताल से संबंधित कर्मियों की पहचान हो सके। इन वर्दियों का जल्द डिजाइन तैयार करने के लिए अधिकारियों को दिशानिर्देश जादी किये।
हरियाणा में होगी इंटीग्रेटिड हैल्थ लैबारेटरी
विज ने हैल्थ लैबोरेटरी को इंटीग्रेटिड करने के निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए और कहा कि आने वाले सालों में हरियाणा में इंटीग्रेटिड हैल्थ लैबारेटरी होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि हैल्थ लैबोरेटरी में नवीनतम उपकरणों को लगाया जाए और इन लैबोरेटरीज को एनएबीएच से पंजीकृत भी कराया जाना चाहिए। श्री विज ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एनएबीएल के प्रावधानों/विनिर्देशों को ध्यान में रखते हुए गैप को पूरा करें और इसके लिए एक निर्धारित लक्ष्य होना चाहिए।
स्वास्थ्य शिक्षा विभाग करेगें इंजीनियरिंग ब्रांच का गठन
बैठक में स्वास्थ्य केन्द्रों के पुराने भवनों के नवीनीकरण पर भी विज ने कहा कि 162 हैल्थ सेंटरों को नवीनतम तरीके से बनाया जाएगा। इसके लिए बडी व दिग्गज कंपनियों को काम सौंपा जाएगा,ण् ताकि निर्धारित समय अवधि में काम को पूरा किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग के भवनों के नवीनीकरण, मरम्मत व निर्माण इत्यादि के लिए स्वास्थ्य विभाग व मैडीकल एजूकेशन विभाग इंजीनियरिंग ब्रांच का गठन करें।
सभी जिलों में सिटी स्कैन मशीन लगेगी
बैठक में बताया गया कि 17 जिलों में सीटी स्कैन की मशीन संचालित है जबकि अन्य शेष जिलों में यह मशीन लगा दी जाएगी। इसी प्रकार, एमआरआई की पंाच जिलों में संचालित हैं इस पर मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एमआरआई की मशीनें अन्य जिलों में जल्द से जल्द लगाई जाए। ऐसे ही अल्ट्रासांउड 22 जिलों में संचालित हैं और पीपीपी मोड पर 111 अल्ट्रासांउड मशीनें संचालित की जाएगी। बैठक में मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीएचसी स्तर पर ईसीजी की सर्विस एक जैसी देने पर एक प्रस्ताव तैयार किया जाए।
अस्पतालों में नशा-मुक्ति केन्द्र
बैठक के दौरान विज ने कहा कि अवसादग्रस्त (डिप्रैशन) वाले मरीजों की सुविधा के लिए मनोवैज्ञानिक काउंसलर की नियुक्ति होनी चाहिए और इसके लिए पीजीआईएमईआर चण्डीगढ के साथ हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग का समझौता हुआ है जिसके तहत पीजीआई के डाक्टर अपनी सेवाएं हरियाणा के मरीजों को देंगे। विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 100 बिस्तर से ऊपर वाले सभी अस्पतालों में नशा-मुक्ति (डी-एडीक्शन) केन्द्र होने चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के 22 जिलों में से 20 जिलों में डायलिसिज सेवाएं दी जा रही हैं तथा कुरूक्षेत्र में यह सेवा हाल ही में शुरू हुई हैं और चरखी-दादरी में भी यह सेवा शुरू होनी चाहिए। अटल कैंसर केयर सेंटर, अंबाला में पैट-स्कैन मशीन में एक डेडीकेटिड डाक्टर को तैनात करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में स्थापित ब्लक बैंक में कम्पोनेट सैपरेटर होना चाहिए।

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