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हरियाणा के गोरखपुर में स्थापित होगा परमाणु संयंत्र

उत्तर भारत को मिलेगा पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र

केंद्र सरकार ने पिछले आठ साल में दी दस परमाणु रिएक्टरों को मंजूरी
LP Live, New Delhi: उत्तर भारत के पहले परमाणु संयंत्र की स्थापना हरियाणा के गांव गोरखपुर में की जा रही है,जो निर्माणधीन है। गोरखपुर नई दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी से लगभग 150 किमी उत्तर में है।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यग मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे ज्यादातर दक्षिण भारतीय राज्यों या पश्चिम में महाराष्ट्र के अलावा देश के अन्य हिस्सों में परमाणु एवं परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना करने का निर्णय लिया है। भारत की परमाणु क्षमता को बढ़ाने की प्राथमिकता के अनुरूप पिछले आठ सालों में मोदी सरकार द्वारा 10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए एक व्याणपक स्वी कृति दी गई है। इनमें उत्तर भारत का पहला परमाणु संयंत्र हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव में स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को खोलने हेतु संसाधनों के लिए सार्वजनिक उपक्रमों के साथ संयुक्त उद्यम बनाने की भी अनुमति दी गई है।

परमाणु उर्जा की इकाईयां निर्माणधीन
गोरखपुर हरियाणा अनु विद्युत परियोजना (जीएचएवीपी) जिसमें 700 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां हैं, जिनमें से प्रत्येक में प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर स्वदेशी डिजाइन है, हरियाणा में फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के पास कार्यान्वयन के अधीन है। अब तक कुल आवंटित धनराशि 20,594 करोड़ में से 4,906 करोड़ यानी 23.8 प्रतिशत राशि व्येय की जा चुकी है।

प्रगति पर कार्यान्वयन
गोरखपुर गांव में परमाणु संयंत्र के अंतर्गत अन्य मुख्य संयंत्र भवनों/संरचनाओं अर्थात फायर वाटर पम्प हाउस (एफडब्यू् पीएच), सुरक्षा संबंधित पम्प हाउस (एसआरपीएच), ईंधन तेल भंडारण क्षेत्र-1 और 2 (एफओएसए-1 और 2), वेंटिलेशन स्टैक, ओवरहेड टैंक (ओएचटी), स्विचयार्ड नियंत्रण भवन, सुरक्षा संबंधी और गैर-सुरक्षा संबंधी टनल तथा ट्रेंच, रिटेनिंग वॉल और गारलैंड ड्रेन के निर्माण का काम अच्छी तरह से चल रहा है। टर्बाइन बिल्डिंग-1 और 2,220 केवी स्विचयार्ड और आईडीसीटी-1ए में भूमि सुधार का काम पूर्ण हो गया है। अन्य क्षेत्रों-आईडीसीटी, 400 केवी स्विचयार्ड, आपातकालीन मेकअप जल तालाब और स्टेशन सड़कों का काम प्रगति पर है। आईडीसीटी पैकेज और टर्बाइन आइलैंड पैकेज के लिए ठेकेदारों ने साइट को संघटित किया है।

विभिन्न चरणों में पूरी होगी सुविधाएं
प्राइमरी कूलेंट पंप, कैलेंड्रिया, रिएक्टर हेडर्स, रिफ्यूलिंग मशीन हेड्स, मॉडरेटर और अन्य डी20 हीट एक्सचेंजर्स आदि जैसे प्रमुख लंबे विनिर्माण चक्र उपकरण/घटकों के लिए खरीद आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। पहली इकाई के लिए एंड शील्ड और सभी स्टीम जेनरेटर साइट पर प्राप्त हो गए हैं। अन्य उपकरणों का विनिर्माण विभिन्न चरणों में है और निर्माण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए साइट पर प्रदायगी समय पर होने की उम्मीद है। प्रचालनगत ठंडे पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टोहाना से जीएचएवीपी तक जल वाहिनी का निर्माण हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग(एचआई और डब्लकयूआरडी) के माध्यम से जमा कार्य के रूप में आरंभ किया गया है और इसकी प्रगति अच्छी चल रही है।

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