

LP Live, New Delhi: आखिर कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद सरकार बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री को लेकर चल रहे मंथन के बाद कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। जबकि कर्नाटक में पार्टी की जीत का चेहरा रहे प्रदेशाध्यक्ष डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री होंगे।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस के सामने मुख्यमंत्री पद को लेकर मंथन चल रहा था, क्योंकि कांग्रेस के कर्नाटक अध्यक्ष डीके शिवकुमार का नाम सबसे आगे था, लेकिन कुछ विचाराधीन मामलों और अन्य कारणों से वह शायद खुद भी सीएम बनना नहीं चाहते थे। कर्नाटक में कांग्रेस की इस विशाल जीत का श्रेय शिवकुमार को ही है। आखिर कर्नाटक के मुख्यमंत्री को लेकर चल रही अटकलों को कांग्रेस हाई कमान ने खारिज करते हुए सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान कर दिया है। यह घोषणा गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने की। उन्होंने कहा कि डीके शिवकुमार कर्नाटक के एकलौते उपमुख्यमंत्री होंगे। शिवकुमार संसदीय चुनाव के अंत तक पीसीसी अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे। 20 मई को 12.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा जिसमें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ ही मंत्रियों का एक समूह भी उस दिन शपथ लेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि टीम कांग्रेस कर्नाटक के लोगों की प्रगति, कल्याण और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। हम 6.5 करोड़ कन्नडिगाओं से वादा किए गए 5 गारंटी को लागू करेंगे। सिद्धरमैया इससे पहले 2013 से 2018 तक कांग्रेस के कर्नाटक राज्य के सीएम रह चुके हैं।

पार्टी के हित में लिया फैसला: शिवकुमार
राज्य कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने उप मुख्यमंत्री का पद मिलने पर कहा कि उन्होंने पार्टी के हित में इस फैसले को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी के व्यापक हित में फैसला लिया है। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया है। गांधी परिवार, कांग्रेस के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बेंगलुरु में कार्यक्रम में शामिल होंगे।
कौन है सिद्धारमैया?
सिद्धारमैया कर्नाटक में कुरबा(पाल-गडरिया) जाति से आते हैं और कांग्रेस के बड़े नेता है। मैसूर जिले के एक गांव में जन्मे सिद्धारमैया पेशे से वकील थे और उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन मैसूर यूनिवर्सिटी से पूरी की। सिद्धारमैया ने पहले बीएससी की डिग्री हासिल की और बाद में लॉ किया। हालांकि सिद्धारमैया के माता-पिता चाहते थे, कि वह डॉक्टर बनें, लेकिन उन्होंतने वकालत चुनी। वकालत छोड़ने के बाद सिद्धारमैया ने राजनीति में कदम रखा। सिद्धारमैया साल 1983 में पहली बार कर्नाटक की चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर विधानसभा आए थे। 1994 में जनता दल सरकार में रहते हुए कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री भी बने। एचडी देवगौड़ा के साथ विवाद होने के बाद जनता दल सेक्युलर का साथ छोड़ा और 2008 में कांग्रेस का हाथ पकड़ा। उन्होंने अब तक 12 चुनाव लड़े हैं जिसमें से नौ में जीत दर्ज की है।
