संसद में विपक्ष का हंगामा, लोकसभा से वाकआउट
चीन के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर बाधित दोनों सदन
सीमापार से ड्रोन के जरिए बढ़े हथियार व मादक पदार्थो के मामले
LP Live, New Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी है। बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलो ने चीन के साथ तनाव के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर वाकआउट कर दिया।
लोकसभा की बुधवार को कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा तो तभी कांग्रेस, द्रमुक, नेशनल कॉन्फ्रेंस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आदि विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर नारेबाजी कर हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके कारण सदन की कार्यवही को स्थगित करना पड़ा। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने चीन के साथ तनाव को लेकर चर्चा करने की मांग की जिसका अन्य दलों ने भी समर्थन करते हुए नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर दिया। इससे पहले शीतकालीन सत्र में लगातार चीन के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दल के सांसद दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस भी दिए हैं।
ड्रोन रोधी तंत्र मजबूत करने की मांग
राज्यसभा में बुधवार को शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य राजीव शुक्ला ने पाकिस्तान से सीमावर्ती राज्य पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर में ड्रोन के जरिए मादक पदार्थ व हथियार भेजे जाने का मामला उठाया। इस मामले पर उन्होंने सरकार से ड्रोन रोधी तंत्र को मजबूत बनाए जाने की भी मांग की। शुक्ला ने मादक पदार्थ व हथियार भेजे जाने के मामलों में हुई वृद्धि पर चिंता जताते हुए सरकार से अनुरोध किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर वह इस दिशा में सुधारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल नेनवंबर के अंतिम सप्ताह तक 268 ड्रोन देखे जाने की सूचना दी है। यह संख्या 2021 में 109, 2020 में 49 और 2019 में 35 थी। इसका मतलब है कि सीमापार से बड़ी संख्या में ड्रोन भेजे जा रहे हैं। शुक्ला ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर, विशेष रूप से पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर में ड्रोन देखे जाने के मामलों में वृद्धि हुई है। शुक्ला ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस साल देखे गए 268 ड्रोन में से केवल 16 ड्रोन को ही मार गिराया गया। इसलिए सरकार को एंटी ड्रोन सिस्टम की क्षमता और प्रभावशीलता को ज्यादा मजबूत करना चाहिए।
रबर की खेती का मुद्दा उठा
केरल कांग्रेस (एम) के सदस्य जोस के मणि ने प्राकृतिक रबर का उत्पादन करने वाले किसानों का मुद्दा उठाया और कहा कि केरल के किसान इसकी कम होती कीमतों से बेहद परेशान हैं। उन्होंने कहा कि किसान पहले जिस रबर को 250 रुपये प्रति किलो ग्राम की दर से बेचते थे, आज वह उसे 140 रुपये प्रति किलो ग्राम की दर से बेचने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि विदेशों से रबर का आयात करने की वजह से यह स्थिति हुई है। मणि ने सरकार से आयात नीति में बदलाव करने की मांग की। साथ ही उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह रबर की खेती को बढ़ावा देने के लिए उसके पौधे लगाने को प्रोत्साहित करें ताकि जलवायु परिवर्तन से संबंधित समस्याओं का भी मुकाबला किया जा सके। उन्होंने कहा कि रबर के पौधे की खासियत यह है कि वह बहुत अधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करता है।
बच्चों की मानसिक बीमारी
उच्च सदन में राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने बच्चों में मानसिक समस्या के बढ़ते मामले को उठाते हुए कहा कि बड़े शहरों में तो मानसिक बीमारी से जुड़े इलाज उपलब्ध हो जाते हैं लेकिन गांवों और छोटे शहरों में अभी तक यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारों ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को उतनी गंभीरता से नहीं लिया है, जिसकी अपेक्षा की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार को बड़े शहरों के साथ ही गांवों तक मानसिक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए कस्बा व जिला स्तर पर व्यवस्था करनी चाहिए।
पन्ना धाय को पाठ्यक्रम में शामिल हो
भारतीय जनता पार्टी के सुरेंद्र सिंह नागर ने राजस्थान में पन्ना धाय की प्रतिमा स्थापित करने और उनकी जीवनी को स्कूलों के पाठयक्रमों में शुमार किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पन्ना धाय को त्याग, बलिदान और स्वामी भक्ति के लिये जाना जाता है जिन्होंने कर्तव्यनिष्ठा के चलते अपने बेटे को बलिदान कर दिया था। लेकिन इतिहास में उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए था वह नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि कई सामाजिक संगठन राजस्थान सरकार से इसकी मांग कर रहे हैं लेकिन उसकी ओर से इस दिशा में कुछ नहीं किया गया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।