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शिक्षक भर्ती मामला: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हाई कोर्ट के फैसले पर रोक

लखनऊ बैंच ने रद्द की थी चार साल पहले हुई नियुक्तियों की मेरिट लिस्ट

LP Live, Lucknow: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें हाई कोर्ट की लखनऊ बैंच ने उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षकों की नियुक्ति लिस्ट नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है।

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि इस मामले में 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच ने जो आदेश दिया था, उसे अनारक्षित वर्ग के कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों और सरकार ने इस फैसले को सही माना हैं। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सरकार से इसका पालन किए जाने के लिए आग्रह भी किया। लेकिन सरकार इस पर आगे नहीं बढ़ पाई और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुना गया है।

हाई कोर्ट ने रद्द की थी मेरिट लिस्ट
लखनऊ की हाईकोर्ट बैंच ने आरक्षण नियमों का पालन न होने के आधार पर 69,000 शिक्षकों मेरिट लिस्ट रद्द कर दिया था और नए सिरे से नियुक्ति सूची जारी करने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस मामले के कानूनी पहलुओं को परख कर आदेश देगा। हाई कोर्ट के आदेश का असर ऐसे शिक्षकों पर पड़ सकता है जो 4 साल से नौकरी कर रहे हैं। इसलिए सुप्रीमा कोर्ट ने दोनों पक्षों से कहा कि वह अधिकतम 7-7 पन्नों में अपनी लिखित दलीलें जमा करवा दें। कोर्ट ने इसके लिए 2 नोडल वकील तय किए। राज्य सरकार से भी जवाब दाखिल करने कहा है।

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