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राज्यसभा: महाकुंभ भगदड़ पर राज्यसभा में हंगामा, सरकार का विपक्ष पर पलटवार

नेहरू शासनकाल के कुंभ में हुई थी 800 से ज्यादा लोगों की मृत्यु: पीयूष गोयल

विपक्ष का गलत आंकड़ो के जरिए भारत की छवि खराब करने का प्रयास: सत्ता पक्ष
LP Live, New Delhi: संसद के बजट सत्र के दौरान प्रयागराज में महाकुंभ में भगदड़ को मुद्दा बनाकर विपक्षी दलों ने हंगामा किया। महाकुंभ भगदड़ को लेकर विपक्ष के एजेंडे पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जब केंद्र में नेहरु की सरकार थी, तो उस समय आयोजित कुंभ मेले में 800 से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी। वहीं यूपीए शासनकाल में किसानों की आत्महत्या पर भी केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष को करार जवाब दिया।

संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन विपक्ष ने सोमवार को महाकुंभ भगदड़ मामले में सदन में हंगामा किया। विपक्ष की मांग है कि राज्य सरकार भगदड़ से हुई मौतों का सही आंकड़ा पेश करे। संसद में सोमवार को राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता मलिकार्जुन खरगे ने महाकुंभ भगदड़ में हजारों मौते होने का दावा करते हुए एक बयान दिया, जो महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर सरकार के बयान की मांग कर रहे थे। खरगे के हजारों की संख्या के बयान पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें अपने बयान को वापस लेने का भी अनुरोध किया। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी खरगे के बयान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने वाला बताते हुए बयान को वापस लेने का अनुरोध किया। इस पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए सदन में कहा कि जब केंद्र में जवाहरलाल नेहरू की सरकार थी, उस समय कुंभ मेले के आयोजन के दौरान मौनी अमावस्या के दिन कुंभ मेले में 800 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय 1986 में आयोजित कुंभ मेले में 200 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी, उस समय यूपी में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ वीआईपी मूवमेंट के दौरान यह हादसा हुआ था। उन्होंने किसानों की आत्महत्या वाले विपक्ष के बयान पर भी पलटवार किया ओर कहा कि केंद्र में यूपीए सरकार के समय 57 फीसदी अधिक किसानों ने आत्महत्या की थी।

सत्ता पक्ष ने किया हंगामा
दरअसल राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाकुंभ भगदड़ को लेकर कहा कि यह अमृत काल है या विष काल है। वहीं उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। इस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। सत्ता पक्ष के सांसद खड़गे के ‘हजारों की संख्या’ बोले जाने से नाराज थे। वहीं सभापति जगदीप धनखड़ ने भी खड़गे को टोकते हुए कहा कि यदि आप ‘हजारों लोगों’ के मरने की बात कहेंगे तो वह आपसे अपील करते हैं कि आप अपने वक्तव्य पर ध्यान दें। आपके बोलने का काफी महत्व पड़ता है और यदि आप इस प्रकार की बात कहेंगे कि हजारों लोग… तो, आप किस प्रकार का संदेश दे रहे हैं। विपक्षी नेता के इस बयान को पलटवार के रुप में जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के रिकॉर्ड का हवाला दिया और बताया कि एनडीए सरकार के मुकाबले आपकी यूपीए सरकार में 57 फीसदी अधिक किसानों ने आत्महत्या की थी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात को सिद्ध करना चाहिए।

जया बच्चन का विवादित बयान
राज्यसभा में महाकुंभ भगदड़ मामले में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने विवादित बयान देते हुए कहा कि कुंभ में पानी सबसे ज्यादा प्रदूषित है। भगदड़ में मरने वाले लोगों के शव नदी में फेंके गए हैं, इससे पानी दूषित हो गया है। यही पानी वहां लोगों तक पहुंच रहा है, इस पर कोई सफाई नहीं दे रहा है। देश के असली मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने महाकुंभ में व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठाए। उच्च सदन में महाकुंभ मेले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने की मांग को लेकर विपक्ष ने एक घंटे का वॉकआउट किया। एक घंटे बाद जब विषय बदल गया तो हमने फिर से मुद्दा उठाया।

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