यूपी में दस हजार से अधिक कुष्ठ रोगियों की पहचान
10 फरवरी से शुरू होगा रोग के खात्मे का विशेष अभियान
कुष्ठ और फाइलेरिया रोगियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का मिशन मोड पर काम
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश में कुष्ठ और फाइलेरिया रोगियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने एवं एवं रोग को जड़ से खत्म करने के लिए मिशन मोड पर चलाए जा रहे अभियान चल रहा है। पिछले दो साल के विशेष अभियान में प्रदेश में दस हजार से अधिक कुष्ठ रोगियों को चिह्नित किया गया है, जिनका इलाज किया जा रहा है।
प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेशभर में कुष्ठ रोग को जड़ से खत्म करने के लिए स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान एवं कुष्ठ पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत मंगलवार को आईएमए में विभिन्न जन जागरुकता के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
डीजी हेल्थ डॉ. ब्रजेश राठौर ने कहा कि कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है। कार्यक्रम की राज्य नोडल अधिकारी डॉ.. जया देहलवी ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश में चलाए गए विशेष अभियान में अब तक 10,000 से ज्यादा कुष्ठ रोगियों की तलाश की जा चुकी है। कार्यक्रम में कुष्ठ रोगियों को कंबल, चप्पल एवं प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं कुशीनगर की कुष्ठ रोगी चैंपियन नलिनी को ससम्मान मंच पर भी स्थान दिया गया। इसके अलावा बेहतर कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आईएमए लखनऊ, रोटरी इंटरनेशनल और इनरव्हील का सहयोग से नुक्कड़ नाटक और जादू के शो के जरिए भी प्रतिभागियों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक किया गया।
10 फरवरी से शुरू होगा अभियान
एनटीडी दिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरोजनीनगर और उच्च प्राथमिक विद्यालय माती में फाइलेरिया जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से यूपी राजकीय सैनिक स्कूल की छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक का मंच किया। इसमें 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) की जानकारी दी गई। सीएचसी अधीक्षक डॉ. चंदन सिंह ने कहा कि आईडीए अभियान राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चलाया जाता है। इसके तहत साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा आवरमेक्टिन डाईइथाइल कार्बामजीन और एलबेंडाजोल खिलाई जाती है। 10 फरवरी से शुरू होने वाले आईडीए अभियान के तहत फाइलेरियारोधी दवा का लगातार तीन साल तक सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है।