मुजफ्फरनगर-शामली की औद्योगिक इकाइयों पर छाए संकट के बादल
ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान-4 (ग्रैप) लागू , दोनों जनपदों की 216 इकाइयों को प्रदूषण बोर्ड ने जारी किया नोटिस


LP Live, Muzaffarnagar: देश में प्रदूषण बढ़ने से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने मुजफ्फरनगर और शामली की औद्योगिक इकाइयों के लिए ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान-4 (ग्रैप) लागू कर दिया है। इससे दोनों जनपदों में 216 औद्योगिक इकाइयां क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चिन्हित कर उन्हें बंद करने का नोटिस जारी कर दिया है। आयोग की शर्ते पूरी न करने पर इन औद्योगिक इकाइयों को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा, जिससे मुजफ्फरनगर और शामली में उद्योग धंधे पर बड़ा संकट सामने आएगा।
दिल्ली-एससीआर व आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयेाग के ग्रैप-4 लागू होने की जद में मुजफ्फरनगर और शामली जिले की 216 छोटी- बड़ी इकाइयां आयी है। अब दोनों जिलों में केवल वहीं औद्योगिक इकाइयां चलेंगी जहां एलपीजी, सीएनजी, पीएनजी, कोयला आधारित टरबाइन व बायोगैस का प्रयोग हो रहा है। ऐसी यूनिटों की क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सूची तैयार की है। फिलहाल, इन 216 यूनिटों को बंद करने को बोर्ड अधिकारियों ने नोटिस दे दिया है। जल्द ही इन्हें सील कर दियाजाएगा। ग्रैप-4 लागू होने से मुजफ्फरनगर और शामली के उद्यमियों में अफरा तफरी मची हुई है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि मुजफ्फरनगर में संचालित औद्योगिक इकाइयों की सूची तैयार की गई है। इसमें 216 औद्योगिक इकाइयां है, जिन्हें नोटिस दे दिया गया है। 1 जनवरी 2023 से सभी औद्योगिक इकाइयां आयोग के नियमों का पालन करेंगी अन्यथा बंद होंगी।

एनसीआर में आने का दंश झेल रहा उद्योग: सतीश गोयल
टिहरी सरिया इंडस्ट्री की संचालक एवं वरिष्ठ समाजसेवी सतीश गोयल का कहना है कि मुजफ्फरनगर एनसीआर में शामिल होने का दंश झेल रहा है। जनपद में इस प्रकार की रोलिंग मिले केवल चार हैं, जो आयोग की नियमावली को पूरा कर चल सकती है। कुल मिलाकर छोटी इंडस्ट्रिया बंदी की कगार पर आ गई है।
