देशराजनीति

भारत-भूटान संबंधों को मिली नई दिशा

नेबरहुड फर्स्ट नीति ने बढ़ाई घनिष्ठता: बिरला

भारत व भूटान के बीच दोनों देशों की संसदों के बीच सहयोग पर समझौता
LP Live, New Delhi: भूटान की नेशनल असेंबली के स्पीकर वांग्चुक नामग्याल के नेतृत्व में भारत आए एक संसदीय शिष्टमंडल ने संसद भवन परिसर में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ बैठक की। इस दौरान बिरला और नामग्याल ने दोनों संसदों के बीच सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस बैठक के दौरान कहा कि विश्व का सबसे प्राचीन और जीवंत लोकतंत्र होने के कारण भारतीय संसद 140 करोड़ नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है। बजट सत्र का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों तथा उनके वित्तीय आवंटन पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस वर्ष केन्द्रीय बजट से 2400 करोड़ रुपये भूटान को आवंटित किए है, जो भूटान और भारत के घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है।

भूटान विश्वसनीय मित्र
अमृत काल के सन्दर्भ में बिरला ने शिष्टमंडल के सदस्यों को बताया कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने कि दिशा में अगले 25 वर्षों के लिए कृषि, उद्योग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, विज्ञान, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ग्रीन ऊर्जा तथा जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में विकास की व्यापक कार्य योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति में मित्र देशों के सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। बिरला ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि इस नीति ने भारत-भूटान संबंधों को नई दिशा दी है। बिरला ने कहा कि भारत सरकार भूटान के लोगों की आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं के अनुरूप भूटान के साथ द्विपक्षीय सहयोग का दायरा बढाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भूटान के वर्ष 2034 तक उच्च आय अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की सराहना की तथा आश्वासन दिया कि भारत सदैव भूटान का विश्वसनीय मित्र रहेगा।

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