LP Live, New Delhi: केरल में अलाप्पुझा की एक अदालत ने भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के मामले में 15 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई। अदालत ने इस मामले को बेहद दुर्लभ मानते हुए अपना आदेश दिया। सभी आरोपी प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के सदस्य हैं।
अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय प्रथम, मावेलिककारा की न्यायाधीश वीजी श्रीदेवी ने यह सजा सुनाई है। पिछले सप्ताह ही मावेलिककारा की अतिरिक्त सत्र अदालत ने इन सभी 15 आरोपियों को दोषी पाया था। पुलिस ने 14 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था। जांच के अनुसार पहले आठ आरोपी सीधे तौर पर हत्या में शामिल थे, जिन्हें अदालत ने मौत की सजा के अलावा उम्रकैद की सजा भी सुनाई। इस मामले में नईसम, अजमल, अनूप, मोहम्मद असलम, अब्दुल कलाम उर्फ सलाम, अब्दुल कलाम, सफारुद्दीन, मनशाद, जसीब राजा, नवास, समीर, नसीर, जाकिर हुसैन, पूवाथिल शाजी, शेरनाज अशरफ दोषी हैं। नवास को छोड़कर बाकी सभी को फैसले के तुरंत बाद जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
क्या था मामला
अदालत ने जिस मामले में यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, वह 19 दिसंबर, 2021 की घटना है, जब भाजपा ओबीसी मोर्चा के राज्य सचिव रंजीत श्रीनिवासन को उनके घर में परिवार के सदस्यों के सामने मौत के घाट उतार दिया गया था। इस हमले में उनके शरीर को बेरहमी से क्षत-विक्षत कर दिया गया था। यह कथित तौर पर एक दिन पहले सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता केएस शान की हत्या का प्रतिशोध था। जिले में एक के बाद एक हुई हत्याओं ने केरल को झकझोर कर रख दिया था। जांच में यह भी पाया गया था कि एक आरोपी की पत्नी के मोबाइल फोन से मारे जाने वाले नेताओं की सूची मिली थी। अदालत ने सजा सुनाने से पहले आरोपी की मानसिक स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी। रंजीत के परिवार ने कहा कि वे फैसले से संतुष्ट हैं।