प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए सजकर तैयार है अयोध्या
पौधों व फूलों से सजा दिया गया श्रीराम का मंदिर व आंगन
रामपथ, धर्मपथ की दिव्यतम शोभा से दिलों को भा रही अयोध्या
समारोह में देश विदेश की हस्तियां बनेंगे राजकीय अतिथि
LP Live, Ayodhya: सोमवार 22 जनवरी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की अपने दिव्य-भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसके लिए अयोध्या पूरी तरह सज चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी यहां का निरंतर दौरा कर जमीनी हकीकत से रूबरू हो रहे हैं। श्रीराम के मंदिर में विराजमान होने के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वन विभाग भी रामनगरी को दिव्यतम अयोध्या के रूप में सजा रहा है। हरित अयोध्या के निर्माण में जुटी वन विभाग की टीम द्वारा धर्मपथ हो या रामपथ, इसे इतने खूबसूरत ढंग से सजाया गया है कि पहली ही नजर में अयोध्या आंखों और दिल को भा जाए।
डीएफओ शितांशु पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देशों पर रामपथ, धर्मपथ व राम जन्मभूमि पथ पर वन विभाग द्वारा सजावट कराया गया है। बोगनवेलिया से डिवाइडर बनाया जा रहा है। अभी पौधे लगाकर इन्हें सजाया गया है। वृक्षारोपण में समय लगता है। भव्य दिख रहे यह मार्ग दो-तीन साल बाद और सुंदर नजर आएंगे। आने वाले समय में पथ पिंक व यलो फूलों से खूबसूरत नजर आएंगे।
चार रंगों के बौगेनवेलिया से सुसज्जित रामपथ
सआदतगंज से नया घाट को जोड़ने वाले राम पथ पर वन विभाग की तरफ से तेजी से सुंदरीकरण का कार्य कराया गया है। इस पथ पर तीन किमी. मार्ग के मध्य डिवाइडर में बौगेनवेलिया का रोपण किया गया है। बौगेनवेलिया के चार रंग (गुलाबी, बैंगनी, सफेद व भगवा) से राम पथ को सुसज्जित किया गया है। राम पथ के दोनों तरफ सड़क के किनारे सीमेंट गार्ड से सुरक्षित टेरोरोजिया का रोपण किया जा रहा है।
टेरोरोजिया व बौगेनवेलिया धर्मपथ की शोभा बढ़ा रहे
साकेत पेट्रोल पंप से लता मंगेशकर चौक को जोड़ता दो किमी. मार्ग पर मध्य डिवाइडर पर टेरोरोजिया व बौगेनवेलिया रोपित किया गया है। यह धर्मपथ की शोभा बढ़ा रहा है। धर्म पथ की सौंदर्यता को बढ़ाने के लिए यहां बौगेनवेलिया के तीन रंगों (गुलाबी, सफेद व बैंगनी) का प्रयोग किया गया है। इन्हीं तीनों रंगों को साइड डिवाइडर पर भी रोपित कर भव्य बनाया गया है।
रामनगरी का सौंदर्यीकरण
सरयू नदी तट व राम की पैड़ी के समीप नंदन वन की स्थापना वन विभाग द्वारा किया गया है। इस वन में पीपल, पाकड़, कदंब, गुटेल, जामुन जैसे प्रजातियों को रोपित किया गया है। नंदन वन को बंदरों व मवेशियों से बचाने के लिए चारों तरफ से कंटीले तारों से घेरा गया है, जिससे पौधे व वृक्षों की रक्षा हो सके। अयोध्या में भगवान राम के चित्र वाली चूड़ियों से लेकर 56 प्रकार के ‘पेठा’ तक और लोहा-तांबा से बने 500 किग्रा के नगाड़ा सहित देशभर से उपहारों की वहां बाढ़ सी आ गई है। कन्नौज का इत्र, अमरावती से कुमकुम, भोपाल से फूल और छिंदवाड़ा से कागज पर 4.31 करोड़ बार ‘भगवान राम’ लिखे कागज इनमें शामिल हैं।
सीजेआई, अंबानी परिवार, अमिताभ समेत आठ हजार राजकीय अतिथि
इस बीच, उद्योगपति मुकेश अंबानी व उनका परिवार, बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन राजकीय अतिथियों में शामिल हैं। करीब 8,000 लोगों की लंबी सूची में नेता, बड़े उद्योगपति, अभिनेता, खिलाड़ी, नौकरशाह आदि शामिल हैं। सूची में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाली संविधान पीठ का हिस्सा रहे प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और पूर्व प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, पूर्व न्यायाधीश अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर आदि शामिल हैं। इधर, चंडीगढ़, पुड्डुचेरी समेत अनेक राज्यों, यूटी ने भी 22 जनवरी को अवकाश की घोषणा की है।
एनडीआरएफ के विशेष वाहन तैनात
अयोध्या में भूकंप, बाढ़ जैसी घटनाओं के साथ ही रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु हमलों से निपटने के लिए प्रशिक्षित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) दलों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर अयोध्या में तैनात किया गया है। बल के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि दिल्ली में हाल में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान खरीदे गए हानिकारक सामग्री रोधी वाहन (हजमत) भी अयोध्या में तैनात किए गए हैं। एनडीआरएफ के दल 22 जनवरी के समारोह के बाद भी अयोध्या में तब तक तैनात रहेंगे, जब तक कि शहर में श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रहेगी। कई टन वजनी हजमत वाहनों का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने किया है।
मध्य प्रदेश से भेजे गये पांच लाख लड्डू
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में तैयार किए गए पांच लाख लड्डू पांच ट्रकों में अयोध्या के लिए रवाना किये। किष्किंधा से पहुंचा विशेष रथ भगवान हनुमान की जन्मस्थली किष्किंधा से एक विशेष रथ अयोध्या पहुंच गया है। देशभर के मंदिरों का भ्रमण करते हुए, रथ को अयोध्या लाने से पहले नेपाल में माता सीता के जन्मस्थल जनकपुर ले जाया गया था। सौ भक्तों का समूह रथ के साथ नाचते-गाते हुए यात्रा कर रहा है।