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पीएम मोदी ने किया ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रीस्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन

आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा: अमित शाह

सीमापार के प्रायोजित आतंकवाद के समूल नाश की जड़ फंडिंग के स्रोत पर किया प्रहार
LP Live, New Delhi: आतंकवाद के वित्तपोषण का मुक़ाबला पर तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहे देश ने आतंकवाद के वित्तपोषण की जड़ पर प्रहार करके बहादुरी से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी है। उन्होंने भारत के खिलाफ सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद को मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला बताते हुए कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए एक एकजुटता और शून्य-सहनशीलता के दृष्टिकोण से उसके नेटवर्क को तोड़ा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित होटल ताज पैलेस आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर तीसरे ‘आतंक के लिए कोई धन नहीं’ विषय पर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में उद्घाटन करने के बाद ये बात कही। पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से फंडिंग किया जा रह है, जिसका स्रोत सीमापार का एक देश भारत के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन कर रहा है। वहीं आतंकी संगठनों को राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान कर एक संगठित अपराध करने से भी बाज नहीं आ रहे। लेकिन उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि गरीबों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता, तब तक इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। हमने सबसे पहले आतंकवाद के वित्तपोषण की जड़ पर प्रहार किया है, जिसका असर कुछ सालों में सकारात्मक रूप से सामने भी आया है।
विश्वशांति और सुरक्षा के लिए खतरा आतंकवाद
आतंकवाद के वित्तपोषण का मुक़ाबला पर तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रीस्तरीय सम्मेलन के ‘आतंकवाद और आतंकवादियों को वित्त उपलब्ध कराने की वैश्विक प्रवृत्ति’ विषय पर प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद निस्संदेह, वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है, लेकिन उनका मानना है कि, टेररिज्म का वित्तपोषण, टेररिज्म से कहीं अधिक खतरनाक है, क्योंकि टेररिज्म के ‘मीन्स एंड मेथड’ को, इसी फण्ड से पोषित किया जाता है, इसके साथ दुनिया के सभी देशों के अर्थतंत्र को कमजोर करने का भी काम टेररिज्म के वित्तपोषण से होता है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि टेररिज्म का मुकाबला करने के लिए सुरक्षा ढांचे तथा कानूनी और वित्तपोषण व्यवस्था को मजबूत करने में हमने काफी प्रगति की है, लेकिन इसके बावजूद, टेररिस्ट लगातार हिंसा को अंजाम देने, युवाओं को रैडिकलाइज़ करने तथा वित्त संसाधन जुटाने के नए तरीके खोज रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो-करेंसी जैसे वर्चुअल एसेट्स का उपयोग भी बढ़ रहा है, हमें डार्क-नेट पर चलने वाली इन गतिविधियों का पैटर्न को समझना होगा और उसके उपाय भी ढूंढने होंगे ।

सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत कई दशकों से सीमा-पार से प्रायोजित टेररिज्म का शिकार रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को निरंतर और समन्वित तरीके से की गई अत्यंत गंभीर टेररिस्ट हिंसा की घटनाओं से जूझना पड़ा है। उन्होने कहा कि तकनीकी क्रांति से, टेररिज्म के रूप और प्रकार, निरंतर बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि टेररिज्म का ‘डायनामाइट से मेटावर्स’ और ‘एके-47 से वर्चुअल एसेट्स’ तक का यह परिवर्तन, दुनिया के सभी देशों को साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एक साझी रणनीति तैयार करनी होगी। अमित शाह ने कहा कि हमें कभी भी आतंकवादियों के पनाहगाहों या उनके संसाधनों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और ऐसे तत्त्वों, इन्हें स्पॉंसर, सपोर्ट करने वाले तत्त्वों के डबल-स्पीक को भी हमें उजागर करना होगा। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि यह सम्मेलन, सहभागी देश और संगठन, इस क्षेत्र की टेररिस्ट चुनौतियों के बारे में सेलेक्टिव या आत्मसंतुष्ट दृष्टिकोण न रखे।
यूएपीए से लड़ाई हुई मजबूत
शाह ने कहा कि भारत ने इस दिशा में अन-लॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) में संशोधन करने, नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) को मजबूत बनाने और फाइनेंसियल इंटेलिजेंस को नई दिशा देने के साथ, टेररिज्म और इसके वित्तपोषण के खिलाफ की लड़ाई को सुदृढ़ किया है। उन्होंने कहा कि यह हमारे निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि भारत में टेररिस्ट घटनाओं में अत्याधिक कमी हुई है और इसके परिणामस्वरूप, टेररिज्म के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान में भी भारी कमी हुई है।
यूएपीए से लड़ाई हुई मजबूत
शाह ने कहा कि भारत ने इस दिशा में अन-लॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) में संशोधन करने, नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) को मजबूत बनाने और फाइनेंसियल इंटेलिजेंस को नई दिशा देने के साथ, टेररिज्म और इसके वित्तपोषण के खिलाफ की लड़ाई को सुदृढ़ किया है। उन्होंने कहा कि यह हमारे निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि भारत में टेररिस्ट घटनाओं में अत्याधिक कमी हुई है और इसके परिणामस्वरूप, टेररिज्म के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान में भी भारी कमी हुई है।
सम्मेलन में हिस्सेदार बन रहे हैं दुनिया के 450 प्रतिनिधि
आतंकवाद को लेकर आयोजित इस सम्मेलन में दुनिया भर के लगभग 450 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिनमें मंत्री, बहुपक्षीय संगठनों के प्रमुख और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख शामिल हैं। सम्मेलन के दौरान चार सत्रों में विचार-विमर्श किया जाएगा, जो ‘आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण में वैश्विक रुझान’,‘आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों का उपयोग’, ‘उभरती प्रौद्योगिकियां और आतंकवादी वित्तपोषण’ और ‘आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने में चुनौतियों के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग’ पर केंद्रित होंगे।

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