दुनिया

जी-20 शिखर सम्मेलन: भारत का वैश्विक समस्याओं के समाधान पर सहमति पर बल

पीएम मोदी ने अमेरिका, रुस, चीन और फ्रांस को सहजता से साधा

LP Live, Bali( Indonesia):
बाली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में विश्व शांति का संदेश देते हुए कहा कि भारत भारत खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने दुनिया के इस बड़े मंच के देशों से वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए सहमति बनाने पर भी बल दिया। वहीं उन्होंने यूक्रेन रुस युद्ध को लेकर रुस को शांति के रास्ते पर लौटने की सलाह दी।
इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति से लेकर खाद्य सुरक्षा को लेकर दुनिया को बड़ा संदेश दे ड़ाला। मोदी ने जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी, यूक्रेन का घटनाक्रम,और उससे जुड़ी वैश्विक समस्याओं को विश्व की तबाही का कारण बताया। उन्पूरी दुनिया में जीवन-जरूरी चीजों का संकट बनने से खासतौर से गरीब नागरिकों के सामने गंभीर चुनौती खड़ी हो जाती है, जिनके पास दोहरी मार से जूझने की आर्थिक क्षमता नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है। भारत ने अपने 1.3 बिलियन नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ अन्य कई जरूरतमंद देशों को भी खाद्यान्न की आपूर्ति कर रहा है। खाद्य सुरक्षा के बीच फर्टिलाइजर की वर्तमान किल्लत भी को एक बड़ी समस्या बताते हुए मोदी ने कहा कि विश्व को खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृँखला को स्थापित और गारंटी रखने की सहमति बनानी चाहिए। इसके अलावा इस मंच से उन्हेंने खासतौर से विश्व के इस बड़े मंच से भारत के अपने करीबी दोस्त रूस तक को दलील दे ड़ाली। भारत ने एकबार फिर मास्को को खरी-खरी सुनाते हुए साफ-साफ शब्दों के जरिए ‘शांति के रास्ते पर लौटने की दलील दी। मोदी ने अमेरिका से लेकर फ्रांस तक को बड़े सहज ढंग से साधा।
ऊर्जा सुरक्षा भी विश्व के लिए अहम
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की एनर्जी-सिक्युरिटी वैश्विक ग्रोथ के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें एनर्जी की सप्लाइज पर किसी भी तरह के प्रतिबंधों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। तथा एनर्जी बाजार मे स्थिरता सुनिश्चित करनी चाहिए। भारत क्लीन एनर्जी और पर्यावरण के प्रति कमिटेड है। 2030 तक हमारी आधी बिजली के वैकल्पिक स्रोतों से पैदा होगी। समावेशी एनर्जी ट्रांजीशन के लिए विकासशील देशों को समय-बद्ध और किफायती फाइनेंस और टेक्नोलॉजी की स्थायी आपूर्ति अनिवार्य है।
यूक्रेन युद्ध शांति का रास्ता नहीं
जी-20 के बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि भारत लगातार कहता आ रहा है कि हमें यूक्रेन पर युद्धविराम और कूटनीति के पथ पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली शताब्दी मे दूसरे विश्व युद्ध ने विश्व मे कहर ढाया था और दुनिया को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। उस वक्त के नेताओं के प्रयास की बदौलत दुनिया शांति के रास्ते पर लौटी। इससे पहले सितंबर में भी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पीएम मोदी ने रूसी राष्टॅपति व्लादिमीर पुतिन को कहा था कि यह समय यु्द्ध का नहीं है और सभी मुद्दे का समाधान बातचीत से होनी चाहिए। पीएम के इस बयान को पूरी दुनिया में सकारात्मक संदेश के तौर पर देखा गया। अपने ‘शांति पाठ’ वाले बयान से पीएम मोदी पूरी दुनिया में छा गए थे। अमेरिका और फ्रांस ने इसकी तारीफ की थी।
बाइडेन से मुलाकात
जहां रूस को बड़े मंचों से शांति का पाठ पढ़ाकर भारत दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा है वहीं, रूस के कट्टर दुश्मन अमेरिका को भी साध ले रहा है। दरअसल, अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के जरिए भारत पूरी दुनिया में धाक भी जमा रहा है। अमेरिका को ये अच्छे से पता है कि भारत दुनिया का एक बड़ी आर्थिक ताकत बन चुका है। ऐसे में राष्ट्रपति बाइडन का पीएम मोदी के साथ गर्मजोशी से मुलाकात इसकी बानगी है। जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने काफी देर तक पीएम से बात की।

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