छत्तीसगढ़ में होगी इथेनॉल व ड्रोन उत्पादन इकाई की स्थापना
इथेनॉल के लिए 140 करोड़ रुपये व ड्रोन उत्पादन में 5 करोड़ का होगा निवेश
LP Live, New Delhi: छत्तीसगढ़ शासन ने इथेनॉल व ड्रोन उत्पादन इकाई स्थापना के लिए यहां नई दिल्ली के प्रगति मैदान में छत्तीसगढ़ बिज़नेस समिट में देश के विभिन्न हिस्सों से आए उद्यमी, निर्यातक और व्यवसायियों के साथ दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मंगलवार को आयोजित बिज़नेस समिट में छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री शिव डहरिया ने छत्तीसगढ़ में औद्योगिक संभावनाओं के साथ उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत उद्यमियों के लिए कई प्रकार की रियायत और सुविधाएं दी जा रही हैं। इस समिट में इथेनॉल उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए एनकेजे बायोफ्यूल, दुर्ग के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह कंपनी 140 करोड़ का निवेश करेगी, जिसमें कंपनी की ओर से राजेश गौतम ने हस्ताक्षर किए। वहीं दूसरा समझौता हस्ताक्षर ड्रोन व यूएवी मैनुफेक्चरिंग यूनिट के लिए डेबेस्ट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया, जिसमें कंपनी की ओर से मनीष वाजपेई ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये। यह कंपनी 5 करोड़ का निवेश करेगी व 4500 यूनिट स्थापित करेगी।
निवेशकों को उद्योग के लिए निमंत्रण
श्रम मंत्री डहरिया ने उद्यमियों व निवेशकों से आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ आकर सुविधाओं का लाभ लें एवं प्रदेश की उन्नति और विकास में सहयोगी बनने का आव्हान किया। बिज़नेस समिट में छत्तीसगढ़ से आई अधिकारियों की टीम ने इलेक्ट्रॉनिक्स, लघु वनोपज और हस्तशिल्प और हथकरघा आदि क्षेत्रों के व्यवसायियों, उद्यमियों और निर्यातकों को छत्तीसगढ़ में उद्योग, व्यापार की संभावनाओं के साथ निवेश के लिए भी आमंत्रित किया। बिजनेस समिट में उद्योग विभाग, लघु वनोपज, हस्तशिल्प और हथकरघा, पर्यटन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में संभावनाओं को लेकर जानकारी दी गयी। इस मौके पर लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्याम सुंदर बजाज, रुरल इंडस्ट्री के संचालक अरुण प्रसाद, सीएसआईडीसी के कार्यकारी संचालक अनिल श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
नई औद्यौगिक नीति में नियमों का सरलीकरण
छत्तीसगढ़ के उद्योग विभाग के विशेष सचिव हिमशिखर गुप्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के नई औद्यौगिक नीति 2019-2024 में उद्योगों की स्थापना से जुड़े नियमों को सरल बनाया है, जिसमें उद्योगों को विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई है, कठिन प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। कई प्रकार की रियायतें व सुविधाएं प्रदान की जा रही है। स्टार्ट-अप के लिए विशेष पैकेज प्रदान किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कोर सैक्टर के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, लघु वनोपज और हस्तशिल्प और हथकरघा आदि क्षेत्रों में भी फोकस किया जा रहा है।