LP Live, Desk: प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने केवीआईसी द्वारा लागू ‘हनी मिशन’ कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को उपकरण और 300 मधुमक्खी बक्से वितरित किये। वहीं ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत कुम्हार के काम में लगे लोगों के कौशल उन्नयन के लिए इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कर्नाटक के मलावल्ली के इस कार्यक्रम में प्रतिभिगियों को से कहा कि केवीआईसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने की दिशा में केवीआईसी अपने अनेक प्रयासों के माध्यम से देश में अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करने में योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन में प्रशिक्षित लाभार्थियों को मधुमक्खी बक्से, मशीन तथा और मधुमक्खी कॉलोनी के वितरण से रोजगार के नए साधन विकसित होंगे। उन्होंने कहा कि केवीआईसी ने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान कर्नाटक में “हनी मिशन” कार्यक्रम के तहत 80 मधुमक्खी पालकों को 800 मधुमक्खी-बक्से, उपकरण तथा मधुमक्खी कालोनियों का वितरण किया है। केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि मलावल्ली और देश के अन्य भागों जैसे क्षेत्रों में परियोजना आरई-एचएबी लागू की गई है और मधुमक्खी के छत्ते हाथियों के नियमित मार्गों पर रखे गए हैं ताकि यह फ्लडगेट के रूप में कार्य करे और हाथियों के हमलों के कारण होने वाली मानव मृत्यु को रोके। इसके सफल परिणाम मिले हैं।
कुम्हार सशक्तीकरण योजना
उन्होंने कहा कि केवीआईसी ने ‘कुम्हार सशक्तीकरण योजना’ के अंतर्गत कुम्हारों को 100 इलेक्ट्रिक व्हील और चमड़ा उद्योग कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित चमड़ा कारखाना कारीगरों को 201 टूल किट वितरित किए। पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत 5864 इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनके माध्यम से 46,912 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए और लगभग 157.74 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है। वहीं मेन्यूफैक्चरिंग उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा मेन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के अंतर्गत इकाई लगाने की अधिकतम लागत भी 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। इससे पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत नए उद्यम स्थापित करने को प्रोत्साहन मिलेगा।