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केएमपी एक्सप्रेस वे के किनारों पर बसेंगे पांच शहर

दिल्ली के व्यापारियों को व्यसाय बढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार की तैयारी

LP Live, Chandigarh: हरियाणा बड़ी तेजी के साथ औद्योगिक क्रांति की तरफ बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार 2041 की आबादी की जरूरतों व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे (केएमपी) के साथ लगती जमीन पर पांच शहर बसाएगी।

हरियाणा सरकार की पंचग्राम परियोजना के तहत दिल्ली के व्यापारियों को हरियाणा में अपना व्यवसाय बढ़ाने की संभावनाएं बलवती हुई हैं। साथ ही दिल्ली में रहने वाले हरियाणा के लोगों को इन पांच शहरों में बसने के अवसर मिलेंगे, जिस वजह से दिल्ली पर आबादी व यातायात का दबाव काफी हद तक कम होगा। करीब 136 किलोमीटर लंबे केएमपी के दोनों तरफ एचएसआइआइडीसी की ओर से पांच शहर बसाए जाने प्रस्तावित हैं, जो स्काटलैंड और सिंगापुर की तर्ज पर बसेंगे। बुर्ज खलीफा और यूनिवर्सल स्टूडियो की तर्ज पर प्रदेश सरकार गुरुग्राम में अपनी खुद की एक आइकोनिक बिल्डिंग तैयार करने को लेकर पहले से गंभीर है, जिसके लिए जमीन के तमाम विवाद खत्म कर लिए गए हैं।

शहर के लिए 50-50 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल
केएमपी के दोनों तरफ बहादुरगढ़ के पास कुंडली से लेकर खरखौदा के बीच सोहना के आसपास व पलवल के नजदीक तथा मानेसर के निकट 50-50 हजार हेक्टेयर में यह शहर बसने हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचग्राम शहर की अवधारणा पर बड़ी तेजी के साथ आगे बढ़ने के लिए एचएसआइआइडीसी के अधिकारियों को निर्देशित किया है। हरियाणा सरकार की पंचग्राम योजना के तहत बसने वाले पांचों शहरों में विश्वस्तरीय सुविधाएं होंगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर के इनवेस्टर व कंसलटेंट यहां आएंगे। प्रदेश सरकार ने जिस तेजी के साथ इस परियोजना पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया है, उससे हरियाणा अगले 20 साल में ‘शहरों का राज्य’ बन जाएगा और यहां हर दूसरा आदमी शहरी होगा।

आठ जिलों की जमीन पर बसेंगे शहर
यह पांचों शहर आठ जिलों की जमीन पर बसेंगे। इनमें फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम, नूंह, सोनीपत, रोहतक और झज्जर की जमीन का इस्तेमाल होगा, जो कि केएमपी के दायरे में पहले से आ रही है। केएमपी से पांच नेशनल हाइवे भी जुड़ सकेंगे। इन शहरों में रेजीडेंशियल समेत इंडस्ट्रियल सेक्टर भी बसाए जाएंगे। आठ साल के भाजपा सरकार के कार्यकाल में 18 हजार 422 करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश हुआ है, जबकि 1 लाख 59 हजार 622 नए उद्योग लगे हैं। इनसे 12 लाख 60 हजार लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हुए हैं। कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे के बाद 5618 करोड़ रुपये की लागत से पलवल-सोनीपत डबल लाइन हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर के निर्माण का कार्य आरंभ होने से दिल्ली के व्यापारियों ने हरियाणा का रुख करना आरंभ कर दिया।

प्रदेश में हुआ 18,422 करोड़ का औद्योगिक निवेश
आठ साल के भाजपा सरकार के कार्यकाल में 18 हजार 422 करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश हुआ है, जबकि 1 लाख 59 हजार 622 नए उद्योग लगे हैं। इनसे 12 लाख 60 हजार लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हुए हैं। कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे के बाद 5618 करोड़ रुपये की लागत से पलवल-सोनीपत डबल लाइन हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर के निर्माण का कार्य आरंभ होने से दिल्ली के व्यापारियों ने हरियाणा का रुख करना आरंभ कर दिया।

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