
एक जनवरी 2023 को 159 लाख मिट्रिक टन हो जाएगा अनाज भंडार
LP Live, New Delhi:
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी योजनाओं सहित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अतिरिक्त आबंटन की जरूरतों को पूरा करने के लिये भारत सरकार के केंद्रीय पूल में जरुरत से ज्यादा अनाज का भंडार मौजूद है। एक जनवरी 2023 तक यह बढ़कर लगभग 159 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपलब्ध हो जायेगा।
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा की जरुरतों को पूरा करने के लिए नियमतः एक जनवरी तक 138 एलएमटी की सुरक्षित भंडारण की आवश्यकता होती है, लेकिन इस समय केंद्रीय पूल में लगभग 182 एलएमटी गेहूं की उपलब्धता दर्ज की गई है। भारत सरकार गेहूं की कीमतों की स्थिति से अच्छी तरह अवगत है और साप्ताहिक आधार पर उसकी नियमित निगरानी कर रही है। गेहूं के साथ अन्य जिंसों की कीमतों पर भी नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर सुधारात्मक उपाय भी किये जा रहे हैं।
अनाज की कीमतों पर नियंत्रण
भारत सरकार ने कीमतें बढ़ने से रोकने के लिये सक्रियता दिखाई है तथा 13 मई, 2022 से प्रभावी होने वाले निर्यात नियमों को लागू कर दिया है। इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की भी चावल को ध्यान में रखते हुये समीक्षा की गई है, जिससे केंद्रीय पूल में गेहूं का भंडारण पर्याप्त मात्रा में हो जाये, ताकि कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
सरकार ने गेंहू का बढ़ाया एमएसपी
भारत सरकार ने इस वर्ष गेहूं के एमएसपी को बढ़ाया है। उल्लेखनीय है कि आरएमएस 2022-23 के लिये पिछले वर्ष गेहूं का एमएसपी 2015 रुपये/कुंतल था, जो अब बढ़ाकर 2125 रुपये/कुंतल कर दिया गया है। इस तरह एमएसपी में 110 रुपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी के साथ-साथ अच्छे मौसमी हालात भी पैदा हुए। इसे देखते हुए उम्मीद की गई है कि अगले वर्ष के दौरान गेहूं का उत्पादन व खरीद सामान्य रहेगी। अगले वर्ष गेहूं की खरीद अप्रैल 2023 से आरंभ होगी। शुरूआती मूल्यांकन के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस बार गेहूं की बुवाई में भी काफी बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले मौसम में गेहूं की खरीद यद्यपि कम हुई थी, क्योंकि उत्पादन कम हुआ था और भू-राजनैतिक परिस्थिति के चलते किसानों ने खुले बाजार में एमएसपी से अधिक कीमत पर अपनी उपज बेची थी।
