इंटीग्रेटेड चैकपोस्ट से मजबूत हुई भारतीय सीमाएं
अमित शाह ने किया बीएसएफ के ‘प्रहरी’ मोबाइल एप लोकार्पण


सीमाओं के प्रहरियों के लिए सरकार ने बहुत अहम पहल की
LP Live, New Delhi: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं और प्रहरी के रूप में सीमाओं की सुरक्षा कर रहे सीमा सुरक्षा बलों को मजबूत करने के लिए सरकार ने आधुनिक तकनीक से बॉर्डर इंडिया डेवलपमेंट के लिए भी ढेर सारे काम किए हैं। वहीं सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में 9 इंटीग्रेटेड चैकपोस्ट विकसित की गई है और 14 और बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
यह बात गुरुवार को नई दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के ‘प्रहरी’ मोबाइल एप और मैनुअल का लोकार्पण करते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कही है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि सीमाओं पर देश की सुरक्षा में तैनात जवानों को केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और मॉनीटरिंग प्रणाली पर समस्या निवारण या कई कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी हो। अब जवान ऐप के जरिये यह सब जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और यह ऐप उन्हें गृह मंत्रालय के पोर्टल से भी जोड़ेगा। इसके साथ ही 13 मैनुअल में प्रतीक्षित रिविजन तथा अपडेट से ऑपरेशन, एडमिनिस्ट्रेशन एवं ट्रेनिंग की कार्यों की बेहतर समझ बढ़ेगी और कार्यों में तेजी आएगी।इस मौके पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय गृह सचिव, बीएसएफ के महानिदेशक, केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, केन्द्रीय गृह मंत्रालय, केन्द्र शासित प्रदेशों और बीएसएफ़ के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बीएसएफ का बढ़ाया हौंसला
उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने ने वन बॉर्डर वन फोर्स का जो नियम बनाया, उसके बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटी हमारी सीमाओं की जिम्मेदारी बीएसएफ के वीर जवान बड़ी ही सजगता, सुदृढ़ता और मुस्तैदी के साथ सातत्यपूर्ण प्रयासों से इन सीमाओं की सुरक्षा करते हैं। जवानों की इसी सजगता का परिणाम है कि पिछले तीन सालों में बीएसएफ के माध्यम से 26,000 किलो नारकोटिक्स की जब्ती की गई और 2500 आर्म्स और एम्युनिशन पकड़े वहीं बीएसएफ ने पिछले 6 माह के अंदर ही पश्चिमी सीमा पर 22 ड्रोन गिराने का काम किया है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नोएडा में बीएसएफ ड्रोन/यूएवी और साइबर फोरेंसिक लैब स्थापित की गई है, जिससे पकड़े गए ड्रोन के माध्यम से इसके लिंकेज और बॉर्डर पार के स्थान की बहुत अच्छी तरीके से मैपिंग और पहचान की गई है।
बॉर्डर आउट-पोस्ट्स का निर्माण
अमित शाह ने कहा कि मुश्किल भौगोलिक परिस्थिति के कारण सीमा पर कुछ स्थानों पर फेंसिंग नहीं हो पाती थी, बीएसएफ ने वहां पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सर्विलांस के लिए इन-हाउस टेक्नोलॉजी विकसित की है। शाह ने कहा कि बीएसएफ के जवान दिन रात की मुस्तैदी के साथ बॉर्डर को सुरक्षित करने में सफल हुए हैं और मुश्किल स्थानों पर 140 किमी फेंसिंग और लगभग 400 किलोमीटर सडकों का निर्माण पूरा हो गया है। वहीं 120 से ज्यादा बॉर्डर आउट-पोस्ट्स का निर्माण किया जा चुका है।
