आगरा के चमड़ा उद्योग में अब पादुकायें भी बनेगी
चर्म कला मिशन के तहत केवीआईसी ने मुहैया कराई मशीने
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बाराबंकी में मधुमक्खी पालन के बक्से वितरित किये
LP Live, New Delhi: उत्तर प्रदेश का आगरा जिला चर्म उद्योग के रूप में पहचाना जाता है, जहां आत्मनिर्भर भारत के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने चर्म प्रायोगिक परियोजना शुरू की है। इसके लिए केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने चर्मकला मिशन के तहत आगरा के केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान को पादुकायें बनाने वाली मशीनें व उपकरण प्रदान किये हैं। वहीं बाराबंकी में बाराबंकी जनपद में ‘ग्रामोद्योग विकास योजना’ के तहत मधुमक्खी पालने वाले बक्सों का वितरण किया गया।
केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग यानी केवीआईसी ने आगरा में चर्म प्रायोगिक परियोजना शुरू की है। इस चर्मकला मिशन के तहत केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने 10 लाभार्थियों को पादुकायें बनाने वाली मशीनें और उपकरण भी वितरित किये। इन लाभार्थियों को आगरा के केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान में 50 दिनों का प्रशिक्षण दिया गया है। डिजिटल माध्यम से आयोग के अध्यक्ष ने लाभार्थियों को प्राप्त होने वाले प्रशिक्षण की जानकारी ली तथा उन्हें प्रेरित किया कि वे इस परियोजना का लाभ उठाकर चमड़ा उद्योग स्थापित करें। आयोग के अध्यक्ष ने आत्मनिर्भर भारत के बारे में प्रधानमंत्री के स्वप्न को पूरा करने तथा खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के जरिये स्वरोजागर के नये अवसर बनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर लखनऊ राज्य कार्यालय व मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी, उत्तरप्रदेश खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड तथा सीएसआईआर के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बाराबंकी में मधुमक्खी पालन के बक्से वितरित
केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बाराबंकी जनपद में ‘ग्रामोद्योग विकास योजना’ के तहत ऑनलाइन माध्यम से मधुमक्खी पालने वाले बक्सों का वितरण किया। इन लाभार्थियों को पांच दिनों का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण बाराबंकी जनपद के दो स्व-सहायता समूहों ‘वैष्णव और ज्ञान’ ने दिया था। आज इन समहों को मधु मिशन के तहत 200 मधुमक्खी पालने वाले बक्से और उपकरण वितरित किये गये। आयोग के अध्यक्ष ने मधुमक्खी पालन से जुड़ी समस्याओं पर लाभार्थियों से बातचीत की और उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन को आगे बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया। बाद में उनके बारे में फीडबैक भी लिया गया तथा उन्हें प्रेरित किया गया कि वे अपने काम को आगे बढ़ायें।
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