अरुणाचल को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की सौगात
रक्षामंत्री राजनाथ राष्ट्र को समर्पित की 724 करोड़ रुपये की परियोजना


लद्दाख और मिजोरम को मिले तीन वीसैट-आधारित टेलीमेडिसिन नोड्स
LP Live, New Delhi: चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में सड़क संगठन की 724 करोड़ रुपये की 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की। इन परियोजनाओं में लद्दाख में आठ, अरुणाचल प्रदेश में पांच, जम्मू और कश्मीर में चार, सिक्किम, पंजाब व उत्तराखंड में तीन-तीन और राजस्थान में दो परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा तीन टेलीमेडिसिन नोड्स लद्दाख में दो और मिजोरम में एक का भी उद्घाटन किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्र को अरुणाचल प्रदेश के अलॉन्ग-यिंकियोंग सड़क स्थित सियोम पुल पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित 724 करोड़ रुपये की 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समर्पित किया, इनमें सियोम सहित 22 पुलें, उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के सात सीमावर्ती राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में तीन सड़क और तीन अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों को बढ़ाने और सुदूर क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास की दिशा में सरकार और बीआरओ के ठोस प्रयासों के लिए एक संकल्प के प्रमाण के रूप में इन परियोजनाओं का वर्णन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ना और यहां के निवासियों का विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने अलॉन्ग-यिंकियोंग सड़क के कार्यक्रम में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सियोम ब्रिज का उद्घाटन किया गया। वहीं अन्य परियोजनाएं वर्चुअल माध्यम से राष्ट्र को समर्पित की गई। सियोम ब्रिज का निर्माण अरुणाचल प्रदेश के सियोम नदी पर किया गया है। यह एक अत्याधुनिक 100 मीटर लंबा, क्लास 70 स्टील आर्क सुपरस्ट्रक्चर पुल है।

आत्मनिर्भर नए भारत का निर्माण
राजनाथ सिंह ने कहा कि इसका उद्देश्य लगातार विकसित हो रही वैश्विक परिदृश्य के कारण उत्पन्न होने वाली भविष्य की चुनौतियों के खिलाफ प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक मजबूत और आत्मनिर्भर ‘नए भारत’ का निर्माण करना है। उन्होंने आगे कहा कि विश्व आज कई तरह के संघर्षों का गवाह बन रहा है। भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है। लेकिन यदि युद्ध हम पर थोपा गया तो हम जरूर लड़ेंगे। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राष्ट्र सभी तरह के खतरों से सुरक्षित है और हमारे सशस्त्र बल तैयार हैं। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से देश की सुरक्षा को मजबूत करने में बीआरओ की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। रक्षा मंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास को सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत बड़ा बदलाव बताया। इस कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू, पूर्वी अरुणाचल के सांसद श्री तापिर गाओ, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता और स्पीयर कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी उपस्थित थे।
बीआरओ समर्पित की 103 परियोजनाएं
साल 2022 में पूरी की गई इन 28 परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ बीआरओ ने राष्ट्र को 2,897 करोड़ रुपये की लागत से कुल 103 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समर्पित किया। पिछले साल अक्टूबर में रक्षा मंत्री ने लद्दाख के श्योक गांव से 2,173 करोड़ रुपये की 75 परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। इससे पहले 2021 में राष्ट्र को 2,229 करोड़ रुपये की लागत से बीआरओ की 102 परियोजनाओं को समर्पित किया गया था।
