
LP Live, New Delhi: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार को हुई बैठक में रेपो दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया। इस बैठक में रेपो रेट में वृद्धि के लिए दो मतो के मुकाबले चार सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया। रेपो रेट के आधार पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। इसलिए ब्याज दर बढ़ने बैंकों से कर्ज लेना अब महंगा हो जाएगा।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक के आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार विनिर्माण, सेवा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनियां कारोबारी परिदृश्य को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि भू-राजनीतिक तनाव, विभिन्न देशों में वित्तीय स्थिति कड़ी होने तथा विदेशों में कमजोर मांग की स्थिति घरेलू परिदृश्य के लिये जोखिम हैं। उन्होंने कहा कि स्थिर मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 2023-24 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने नीतिगत दर को 25 बीपीएस बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
मत विभाजन से हुआ निर्णय
दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिये मौद्रिक नीति के स्तर पर तत्परता से कदम उठाने का सिलसिला जारी रहेगा। कई अर्थशास्त्रियों और रेटिंग एजेंसियों ने देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर छह से 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। दर वृद्धि के निर्णय में एमपीसी में विभाजन देखा गया। आरबीआई के इस कदम से लोन महंगे हो सकते हैं। आम लोगों की इएमआई बढ़ जाएगी।
