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LP Live, New Delhi: हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडाणी समूह के खिलाफ जेपीसी जांच की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी आक्रमक तेवरों में सरकार के सामने है। राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस की छात्र ईकाई एनएसयूआई के बैनर तले शास्त्री भवन के समक्ष छात्रों ने प्रदर्शन किया। वहीं राष्ट्रीय महिला कांग्रेस के नेतृत्व में भी कांग्रेस की महिलाओं ने प्रदर्शन करके इस मामले की जांच कराने की मांग की।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि या तो सरकार जेपीसी का गठन करें या फिर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन हो जो अदानी पर लगाए गए आरोपों की जांच करें व सच देश के आगे रखें, निवेशक व आम आदमी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है और इस पर सरकार व सरकार के मुखिया की चुप्पी बताती है कि जो खुद को चौकीदार बताता है वह चौकीदार नहीं अदानी का हिस्सेदार है। प्रदेश एनएसयूआई अध्यक्ष कुणाल सेहरावत के नेतृत्व में एनएसयूआई राष्ट्रीय मुख्यालय से शास्त्री भवन की ओर मार्च किया, जहां पुलिस में रास्ते में कार्यकर्ताओं को रोक दिया।
छात्र नेता गिरफ्तार व रिहा
इस दौरान छात्रों ने व छात्र नेताओं ने अदानी व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन करते छात्रों की पुलिस ने गिरफ्तारी की, जिन्हें मंदिर मार्ग थाने में रखने के बाद रिहा कर दिया गया। कुणाल ने कहा कि एलआईसी में इस देश के सभी घरों की मेहनत से कमाया हुआ पैसा है, जब एलआईसी को अडानी को दिया जा रहा था। इस मामले की जांच और संसद में चर्चा होनी चाहिए। एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव व दिल्ली के प्रभारी नीतिश गौड़ ने कहा कि हम सड़क से संसद तक आम आदमी की लड़ाई लड़ेंगे व उनकी आवाज सरकार तक पहुंच जाएंगे।
महिलाओं का एलआईसी पर धरना
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री नेट्टा डिसूजा के नेतृत्व में महिलाओं ने अडाणी मामले की जेपीसी से जांच कराने की मांग को लेकर कनॉट प्लेस स्थित एलआईसी के समक्ष धरना दिया। धरना स्थल पर प्रदर्शन करते हुए कांग्रेसी महिलाओं ने इस मामले की संसद में चर्चा कराने और इसकी संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस मामले की जांच कराने से डरी हुई है। यदि सरकार इस मामले में सही है तो इस मामले की जांच के लिए आगे क्यों नहीं बढ़ रही है।
कांग्रेस ने किये तीन सवाल
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी से तीन सवाल किये। उन्होंने कहा कि इस मामले में क्या सरकार का कर्तव्य नहीं है कि सार्वजनिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान निवेश करते समय अपने निजी क्षेत्र के समकक्षों की तुलना में अधिक सजग रहें? हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी और धन-शोधन के आरोप कुछ समय से सार्वजनिक पटल पर हैं। अडाणी समूह में प्रमुख फंडो के निवेश के वास्तजविक लाभार्थी कौन हैं? विदेशी निवेशकों के वास्तविक स्वामित्व संबंधी धोखाधड़ी के मामलों में, सेबी द्वारा एक मामले की जांच सहित कुल 4 मामलों में जांच की गई है। ऐसे में क्या प्रधान मंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय या स्वंपय एलआईसी में से किसी ने इन संदिग्ध निवेशों के बारे में कोई चिंता व्यलक्तम की थी?
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