LP Live, Chandigarh: हरियाणा में आरटीआई सूचना देने में अधिकारी आनाकानी करके देरी कर रहे हैं या सूचना नहीं दे रहे हैं। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि आरटीआई सूचना में देरी करने पर राज्य लोक सूचना अधिकारी से जुर्माने की राशि वसूल की जाएगी।
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल के एक पत्र में कहा गया है कि राज्य सूचना आयोग हरियाणा द्वारा आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 20(1) के तहत लगाए गए जुर्माने की वसूली की निगरानी के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया गया। इसकी बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई थी। बैठक में ऐसे सभी मामलों की नवीनतम सूची, जिनमें आयोग द्वारा जुर्माना वसूल नहीं किया गया। संबंधित सचिव/विभागाध्यक्ष से प्रभावी वसूली हेतु भेजने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के अनुसार आरटीआई अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत राज्य सूचना आयोग द्वारा लगाए गए जुर्माने की वसूली में देरी होने पर जुर्माने की राशि संबंधित राज्य लोक सूचना अधिकारी (एसपीआईओ) से ही वसूल की जाएगी।
सतर्क हुआ आयोग
अब आयोग ने ऐसे सभी मामलों की नवीनतम सूची जिनमें जुर्माना नहीं वसूला गया है, पुनः संबंधित सचिव/विभागाध्यक्ष को भेजी है। सरकार ने नियंत्रक प्राधिकारियों की ओर से हुई इस चूक को गंभीरता से लेते हुए निर्णय लिया है कि जुर्माने की राशि संबंधित राज्य लोक सूचना अधिकारी से यथाशीघ्र वसूल की जाए। यदि इन आदेशों को पब्लिक ऑथोरिटीस द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जाता है, तो उनके खिलाफ हरियाणा सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम, 2016 के प्रावधान के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आयोग को दिशानिर्देश
सभी नियंत्रक प्राधिकारियों को जुर्माना राशि वसूलने और रजिस्ट्रार, राज्य सूचना आयोग, हरियाणा को अनुपालन रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जब तक एसपीआईओ बकाया जुर्माना राशि जमा नहीं करवा देते तब तक नियंत्रक प्राधिकारी ऐसे एसपीआईओ को लास्ट-पे-सर्टिफिकेट/नो डयूज़ सर्टिफिकेट (एनडीसी) जारी नहीं करेंगे।