

समिति ने रिपोर्ट में महत्वपूर्ण सुझाव के साथ की अहम सिफारिशें
LP Live, New Delhi: एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को सौंप दी है। समिति ने 191 दिनों के शोध कार्य के बाद 18,626 पृष्ठ वाली इस रिपोर्ट को तैयार किया, जिसमें देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की कवायद आसान होगी।
राष्ट्रपति भवन में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में वाली उच्च स्तरीय समिति के सदस्यों ने यह रिपोर्ट राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को सौंपी। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। इस रिपोर्ट में 18,626 पृष्ठ हैं, और यह 2 सितंबर, 2023 को इसके गठन के बाद से हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और 191 दिनों के शोध कार्य का परिणाम है। पांच अनुच्छेदों में- संसद के सदनों की अवधि से संबंधित अनुच्छेद 83, लोक सभा के विघटन से संबंधित अनुच्छेद 85, राज्य विधानमंडलों की अवधि से संबंधित अनुच्छेद 172, राज्य विधानमंडलों के विघटन से संबंधित अनुच्छेद 174, और राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने अनुच्छेद 356 है. समिति की यह रिपोर्ट 191 दिनों के शोध कार्य का परिणाम है।
महत्वपूर्ण सुझाव शामिल
गौरतलब है कि समिति का गठन पिछले साल 2 सितंबर को किया गया था और इसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं। समिति राजनीतिक दलों, संवैधानिक विशेषज्ञों, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों और चुनाव आयोग व अन्य संबंधित हितधारकों के साथ उनके विचार जानने और मामले पर गहन जानकारी एकत्रित करने के लिए परामर्श कर रही थी. समिति के कार्यक्षेत्र में अन्य पहलुओं के अलावा शासन, प्रशासन, राजनीतिक स्थिरता, खर्च और वोटरों की भागीदारी पर चुनावों के संभावित प्रभाव की जांच करना शामिल है

पैनल ने की ये सिफारिश
कोविंद पैनल ने सिफारिश की है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं। समिति की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के तहत कहा गया है कि एक साथ मतदान होने से भारत की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिल सकती है। एक साथ मतदान से विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा और लोकतांत्रिक नींव गहरी होगी। रिपोर्ट के अनुसार एक साथ मतदान से पारदर्शिता, समावेशिता, सहजता और मतदाताओं का विश्वास काफी बढ़ेगा। समिति ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की अग्रिम योजना की सिफारिश की है।
राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल पर सुझाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले एक साथ चुनावों के लिए सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनावों तक की अवधि के लिए हो सकता है। कोविंद पैनल ने यह भी कहा कि त्रिशंकु सदन या अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में शेष पांच साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।
