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योगी सरकार ने एमएसएमई के जरिए 6,55,684 करोड़ का लोन देकर रचा कीर्तिमान

देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बना यूपी

एमएसएमई के 51 हजार करोड़ मेगा ऋण वितरण कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री
सीएम योगी का हर जिले के उत्पाद की ग्रेडिंग पर बल
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश पिछले पौने सात वर्षों में प्रदेश छठी-सातवीं अर्थव्यवस्था से ऊपर उठकर आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया है। वहीं वहीं योगी सरकार पिछले साढ़े छह वर्षों में 6,55,684 करोड़ रुपये का लोन वितरित कर चुकी है। प्रदेश सर्वाधिक ग्रोथ रेट और आर्थिक विकास दर के साथ देश में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हर जिले के उत्पाद की ग्रेडिंग होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन सभागार में आयोजित एमएसएमई के 51 हजार करोड़ मेगा ऋण वितरण समारोह में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि आज वितरित 51,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण से प्रदेश के हजारों नौजवानों को रोजगार प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश का बजट लगभग 02 लाख करोड़ रुपये था और आज एक दिन में 51,000 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने एमएसएमई इकाइयों के लाभार्थियों को ऋण राशि तथा जनपद मथुरा, मेरठ, अमरोहा एवं सीतापुर में नए स्वीकृत प्लेज पार्क के विकासकर्ताओं को प्रतीकात्मक चेक प्रदान किए। वहीं ओडीओपी एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लाभार्थियों को टूलकिट्स तथा 03 महिलाओं को ई-रिक्शा की प्रतीकात्मक चाभी वितरित की गई। इस दौरान सीएम योगी ने प्लेज योजना के तहत मथुरा, अमरोहा, सीतापुर और मेरठ के प्लेज पार्कों के निर्माण की पहली किस्त वितरित की। वहीं सहारनपुर, मुरादाबाद और संभल में ओडीओपी के तीन कॉमन फैसिलिटी सेंटर का लोकार्पण किया। इसके अलावा कौशाम्बी की सीएफसी टीम को स्वीकृति पत्र सौंपा। कार्यक्रम में सीएम योगी ने ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान के एक दर्जन लाभार्थियों को चेक और टूल किट वितरित किया। वहीं मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को ई रिक्शा की चाबी सौंपी। योगी ने कार्यक्रम में ओडीओपी के तहत उन महिलाओं और पुरुषों को चेक वितरित किये गये हैं, वह अलग-अलग सेक्टर में काम करना चाहते हैं। कार्यक्रम में मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह, एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद आदि उपस्थित थे।

एमएसएमई: ढाई करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार
योगी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर को दी और राज्य के युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पिछले साढ़े छह वर्षों में 6,55,684 करोड़ रुपये का लोन वितरित किया जा चुका है। इसका लाभ प्रदेश के हस्तशिल्पि, कारीगर और छोटे उद्यमियों ने प्राप्त किया है। इतना ही नहीं योगी सरकार ने पिछले साढ़े छह वर्षों में एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से प्रदेश के ढाई करोड़ से अधिक युवाओं को सीधे रोजगार उपलब्ध कराया है। उत्तर प्रदेश ही ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और प्लेज पार्क योजना देने वाला पहला राज्य है। इससे प्रदेश में एमएसएमई यूनिट में काफी बढ़ोत्तरी हुई है और आज प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई यूनिट हैं। उन्होंने कहा कि बैंकर्स और सरकार की दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है कि प्रदेश का पहले जहां सीडीओ औसत 43 से 44 प्रतिशत से बढ़कर 56 से 57 फ़ीसदी तक पहुंच चुका है।

हर साल वार्षिक लक्ष्य से अधिक दिया गया लोन
योगी सरकार ने वर्ष 2017-18 में एमएसएमई को 31,330 करोड़ लोन देने का लक्ष्य से अधिक 46,594 करोड़ का लोन वितरित किया गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 149 प्रतिशत रहा। जबकि वर्ष 2018-19 में 41,402 करोड़ लोन के लक्ष्य से अधिक 57,809 करोड़ का लोन बांटा गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 140 प्रतिशत रहा। वर्ष 2019-20 में 51,809 करोड़ के लक्ष्य से अधिक 71,081 करोड़ लोन का वितरण किया गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 137 प्रतिशत रहा। वहीं वर्ष 2020-21 में 61,759 करोड़ लोन वितरण का वार्षिक लक्ष्य से अधिक 73,765 करोड़ लोन वितरित किया गया, जो लक्ष्य का 119 प्रतिशत रहा। वर्ष 2021-22 में 72,251 लोन बांटने का लक्ष्य से अधिक 83,067 करोड़ का लोन बांटा गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत रहा। वर्ष 2022-23 में योगी सरकार ने वार्षिक लक्ष्य 78,360 से अधिक 1,50,032 करोड़ का लोन वितरित किया। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,00,815 करोड़ लोन वितरित करने का लक्ष्य रखा गया। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2023 के शुरुआत से लेकर दिसंबर-23 तक 1,73,336 करोड़ का लोन वितरित किया गया चुका है, जो वित्तीय वर्ष के पूरे होने से पहले लक्ष्य के सापेक्ष 172 प्रतिशत है।

हर जिले के उत्पादन का डाक टिकट हो जारी
सीएम योगी ने कहा कि हमें कॉफी टेबल बुक तक ही सीमित नहीं रहना है बल्कि हर जिले के उत्पादन का डाक टिकट भी जारी होना चाहिये। इसको लेकर प्रयास होने चाहिये क्योंकि यह हमें वैश्विक पहचान दिलाएगा। इतना ही नहीं हर जिले के उत्पाद की ग्रेडिंग भी होनी चाहिए ताकि अच्छे उत्पादन की जानकारी की जा सके। उसे पैकेजिंग और टेक्नोलॉजी से जोड़कर विश्व फलक पर पहचान दिलाएंगे।

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