‘यायावर दिवस’ पर डॉ. श्याम सिंह ‘शशि’ को भावभीनी श्रद्धांजलि
डा. शशि ने विश्वभर में साहित्य और सामाजिक कार्यो से बनाई थी पहचान


LP Live, New Delhi सुविख्यात साहित्यकार, समाजशास्त्री और संस्कृति-प्रेमी पद्मश्री डॉ. श्याम सिंह ‘शशि’ की स्मृति में ‘यायावर दिवस’ मनाया गया। इस मौके पर डा. शशि को स्मरण करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर डा. शशि के साहित्य और समाज में अतुलनीय व बेमिसाल योगदान और उनके विश्वभर में किये गये शोध कार्यो को का भी स्मरण किया गया।
नई दिल्ली में चाणक्यपुरी स्थित सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स इंस्टिट्यूट में आयोजित ‘यायावर दिवस’ डॉ. श्याम सिंह ‘शशि’ की 90वीं जयंती यानी जन्मदिन के अवसर पर भव्यता एवं गरिमा के साथ मनाया गया। अंतर राष्ट्रीय सहयोग परिषद, ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, भारतीय आदिम जाति सेवक संघ, सीएसआर. रिसर्च फाउंडेशन, इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, चाणक्य वार्ता, नेचर व्यू, देवनागिरी लिपि तथा देशज फाउन्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में इस कार्यक्रम में उनके 1 जुलाई 2025 के उपलक्ष्य में यायावर दिवस के कार्यक्रम का शुभारंभ दीपप्रज्वलित करके किया गया। गौरतलब है कि 19 फरवरी 2025 को डा. शशि इस संसार से विदा हो गए थे। समारोह में डॉ. ऋचा सिंह द्वारा संपादित ‘सभ्यता संस्कृति’ पत्रिका समारोह में आमंत्रित अतिथियों को वितरित की गई, जो डॉ शशि की विरासत के रुप में है।

रोमाओं पर शोध बेमिसाल: डा. योगेन्द्र
समारोह के मुख्य वक्ताओं के रुप में राज्यसभा के पूर्व महासचिव डॉ. योगेन्द्र नारायण ने डॉ. शशि के रोमाओं पर किये गये कार्यो को बेमिसाल और अतुलनीय बताते हुए कहा कि डॉ. शशि की यायावर शोध यात्रा एक देश तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि उन्होंने 80 से ज़्यादा देशों की यात्राएं की थी। इसलिए यायावर डॉ. शशि के कार्य की एक जीवंत विरासत है। वहीं ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया के महासचिव शिव शंकर अवस्थी ने डॉ. शशि को याद करते हुए अपने संस्मरण बताए। वहीं इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन के अध्यक्ष डॉ. नेम सिंह प्रेमी ने डॉ शशि के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने विचार रखे। जबकि अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के श्याम परांडे ने डॉ शशि के रोमा साहित्य और भारतीय संस्कृति पर अमूल्य योगदान का उल्लेख किया। समारोह में अन्य वक्ताओं के रुप में लक्ष्मीनारायण भाला, नारायण कुमार, बी एल गौड, डॉ हरी सिंह पाल, अरुण पासवान, प्रोफ़ेसर एसएस भाकरी, राम मेहरोत्रा, सुश्री अनुभूति चतुर्वेदी, दीनदयाल अग्रवाल, योगेश कुमार, ज़मीर अनवर आदि भी शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमित जैन ने किया। समारोह में डॉ शशि की पत्नी श्रीमती लीलावती, पुत्र डॉ आलोक सिंह समेत परिवार और संबन्धी मौजूद रहे।
पुस्तक का लोकार्पण
कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति में ‘डीवाइन डाटरस् ऑफ़ फायर’ पुस्तक का लोकार्पण किया गया, जिसे डॉ. शशि की पौत्री सुश्री संस्कृति सिंह ने अपने दादा की स्मृति को समर्पित करते हुए लिखा है। डॉ योगेन्द्र ने आशीर्वाद दे कर, इस पुस्तक की प्रशंसा करते हुए युवा लेखिका का प्रोत्साहन तो किया ही, वहीं उम्मीद भी जताई की ‘लिगेसी’ की यात्रा जारी रहेगी।
