देश में 39 स्कूल ही हासिल कर सके स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार
शिक्षा मंत्रालय को सम्मान के लिए मिले थे 8.23 लाख आवेदन
LP Live, New Delhi: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्कूली शिक्षा को भी प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न मानदंडो के आधार पर स्चच्छ स्कूल पुरस्कार की घोषणा की हुई है। सरकार को साल 2021-22 शैक्षणिक सत्र में पुरस्कार के लिए 8.23 लाख प्रविष्टियां मिली, लेकिन इनमें से केवल इस पुरस्कार के लिए केवल 39 स्कूल ही सम्मान हासिल कर पाए हैं, जिन्हें शनिवार को सम्मानित किया गया।
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने शनिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता 39 स्कूलों को स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (एसवीपी) 2021-22 प्रदान किया। इस कार्यक्रम में शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह मुख्य अतिथि थे, जबकि राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के ओएसडी संजय कुमार, संयुक्त सचिव श्रीमती प्राची पाण्डेय और संयुक्त सचिव श्रीमती अर्चना शर्मा अवस्थी भी उपस्थित रही। इन पुरस्कार विजेता 34 स्कूलों को 60 हजार रुपये (समग्र श्रेणी में) और 20 हजार रुपये (उप-श्रेणी में) का नकद पुरस्कार दिया गया। पुरस्कृत स्कूलों में दो कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, एक नवोदय विद्यालय और तीन केंद्रीय विद्यालय समेत सर्वाधिक 28 सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल और 11 निजी स्कूल शामिल रहे। दिलचस्प बात ये है कि इन चयनित 39 विद्यालयों में से 21 विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों से और 18 विद्यालय शहरी क्षेत्रों से हैं। इनमें 17 प्राथमिक और 22 माध्यमिक/उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर योग्य मिले थे 606 विद्यालय
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार एसवीपी 2021-22 के लिए 9.59 लाख में से 8.23 लाख से अधिक विद्यालयों ने अपने आवेदन जमा किए। इसके बाद जिला और राज्य स्तर पर 4,27,718 योग्य विद्यालयों की मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू की गई। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्तर पर इनमें से 606 विद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों के योग्य पाया गया। राष्ट्रीय चयन समिति ने एसवीपी 2021-22 के संबंध में यूनिसेफ साझेदार एजेंसी (निर्माण) की ओर से तीसरे पक्ष के मूल्यांकन के बाद एसवीपी 2021-2022 को लेकर राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों के लिए 39 विद्यालयों (समग्र श्रेणी में 34 और उप-श्रेणियों में 5) का चयन किया गया।
क्या मापदंड
सरकार ने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए पानी, स्वच्छता और स्वच्छता के क्षेत्र में अनुकरणीय काम के मानदंड बनाए हैं। वहीं स्कूलों को और सुधार करने के लिए एक बेंचमार्क और रोडमैप भी है। इन पुरस्कार के लिए स्कूलों को पानी, शौचालय, साबुन से हाथ धोना, संचालन और रखरखाव, व्यवहार परिवर्तन, क्षमता निर्माण और कोविड-19 तैयारी और प्रतिक्रिया के छह व्यापक मापदंडों पर रैंक देने का प्रावधान है। यह पुरस्कार जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान किए जाते हैं। इन पुरस्कारों की कार्यप्रणाली यूनिसेफ के परामर्श से विकसित की गई थी।