LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार ने देश में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे स्टूटेंड इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर लगे प्रतिबंध को पांच साल के लिए और बढ़ा दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक यह संगठन देश में शांति, सौहार्द और कानून व्यवस्था के लिए खतरा है। इसलिए आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के विजन को ध्यान में रखते हुए यूएपीए अधिनियम के तहत सिमी पर पांच और साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्र सरकार ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी) पर पहली बार एक फरवरी 2014 को प्रतिबंध लगाया था, जिसे साल 2019 में प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था। अब फिर इस प्रतिबंध की अवधि को पांच साल बढ़ाने को बड़ा फैसला किया गया है। गौरतलब है कि 1977 में यूपी के अलीगढ़ में स्थापित यह संगठन भारत को इस्लामिक राष्ट्र में बदलने के एजेंडे पर काम करता है। सिमी को पहली बार 2001 में एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था और उस पर कई बार प्रतिबंध लगाया गया था। सिमी के सदस्य देश में कई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं, जिनमें 2014 में भोपाल जेल ब्रेक, 2014 में बेंगलुरु में एम चिन्नावामी स्टेडियम विस्फोट, 2017 में गया विस्फोट शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाने के संबन्ध में केंद्र गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के पीएम मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए सिमी पर पांच साल का प्रतिबंध बढ़ाया जाता है। यूएपीए के तहत यह गैरकानूनी संगठन माना जाएगा। इस संगठन को कई आतंकी और देश की अखंडता और शांतिपूर्ण माहौल को बाधित करने के मामलों में लिप्त पाया गया था। यह संगठन देश की सुरक्षा और एकता के लिए खतरा है।