
योगी सरकार सदन में पेश करेगी दस विधेयक, 22 को अनुपूरक बजट पेश
लोकपथ लाइव, लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र शुरू होते ही विधानसभा के बाहर सपा ने विरोध प्रदर्शन किया। इस सत्र में जहां 22 दिसंबर को पेश वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश होगा। वहीं वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा भी कराई जाएगी। इस सत्र के दौरान अनुपूरक बजट के अलावा 10 विधेयक भी पेश करने का प्रस्ताव है।


यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 19 से 24 दिसंबर तक चलेगा, जिसकी शुक्रवार को हुई शुरुआत में ही विधानसभा के बाहर समाजवादी पार्टी का प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। विधानसभा में सत्र की शुरुआत मऊ से विधायक सुधाकर सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव रखा गया, जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान समाजवादी पार्टी ने विधानसभा के बाहर अलग-अलग अंदाज़ में यागी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा साइकिल पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे, जिस पर कोडीन कफ सिरप की बोतल का कट-आउट लगा था। वहीं सपा विधायक जाहिद बेग ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क के साथ पहुंचे और प्रदूषण व स्वास्थ्य व्यवस्था पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। सपा नेताओं का आरोप है कि सरकार जनहित के मुद्दों से ध्यान भटका रही है।

सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्र आरंभ होने से पहले एक प्रेसवार्ता में कहा कि सर्वदलीय बैठक में स्पष्ट किया गया है कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा कराने को पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि वर्तमान में अधिकांश जनप्रतिनिधि मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम से जुड़े कार्यों में व्यस्त हैं, जो लोकतंत्र की शुचिता और पारदर्शिता के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी कारण आवश्यक विधायी कार्यों, अनुपूरक मांगों और ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा के लिए सत्र अवधि आज से 24 दिसंबर तक निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह सत्र उत्तर प्रदेश विधानमंडल और राज्य के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
कोडीन मामले पर क्या बोले योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोडीन मामले पर कहा कि कोडीन फॉस्फेट एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत आने वाली एक औषधि है। इसका उपयोग कोडीन-युक्त कफ सिरप के निर्माण में किया जाता है, जो गंभीर खांसी के उपचार में प्रयुक्त होता है। इसका कोटा और आवंटन सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा केवल अधिकृत औषधि निर्माण के लिए ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह कफ सिरप कई स्थानों पर नशीले पदार्थ के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा था। अवैध तस्करी की शिकायतें मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कार्रवाई की गई। उत्तर प्रदेश पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के नेतृत्व में इसे एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत मानते हुए कार्रवाई प्रारंभ की गई। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निगरानी एक राज्य-स्तरीय एसआईटी कर रही है, जिसमें यूपी पुलिस और एफएसडीए के अधिकारी शामिल हैं। अवैध तस्करी से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं, जैसे धन कहां-कहां गया, इन सभी तथ्यों का भी खुलासा होगा।
जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा: योगी
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि एसटीएफ या उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई में पकड़े गए कुछ अभियुक्तों के संबंध समाजवादी पार्टी से रहे हैं। समाजवादी पार्टी, जो अपनी कार्यप्रणाली के लिए पहले से ही बदनाम और कुख्यात रही है, इस पूरे मामले में भी अपनी संलिप्तता उजागर होते हुए देखेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जांच होने दीजिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।











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