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पुलिस तक पहुंचा विश्वकर्मा चौक समिति ट्रस्ट विवाद

पंजीकृत समिति ने अपंजीकृत समिति के खिलाफ की कानूनी कार्रवाही की मांग
लोकपथ लाइव, मुजफ्फरनगर: विश्वकर्मा चौक समिति ट्रस्ट विश्वकर्मा चौक, भोपा रोड, मुजफ्फरनगर ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन देकर विश्वकर्मा चौक समिति ट्रस्ट के गठन में अपंजीकृत समिति के पदाधिकारियों द्वारा अनियमितताओं एवं भ्रामक प्रक्रियाओं को अपनाने के संबन्ध में साक्ष्य विहीन तथा असत्य प्रार्थना पत्रा प्रस्तुत करने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सौंपे गये ज्ञापन में की गई मांग के बारे में एक प्रेस वार्ता के दौरान विश्वकर्मा चौक समिति ट्रस्ट के जगदीश पांचाल एवं मुकेश धीमान ने बताया कि भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 के 02 जुलाई 2024 को उप रजिस्ट्रार प्रथम मुजफ्फरनगर के समय विधिवत पंजीकृत संस्था है, जिसके पंजीकरण से पूर्व वह एक अपंजीकृत समिति के रूप में विद्यमान थी। 26 गई. 2024 को समितिस्तस्यो द्वारा एक सामान्य एवं आवश्यक सभा आयोजित कर प्रस्ताव पारित किया गया कि अपंजीकृत विश्वकर्मा समिति को विश्वकर्मा चौक समिति ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत किया जाए तथा अपंजीकृत समिति के महामंत्री जगदीश प्रसाद उर्फ जगदीश पांचाल को ट्रस्ट का अध्यक्ष नियुक्त किया जाए। उक्त प्रस्ताव अपंजीकृत समिति के निवर्तमान अध्यक्ष नरेश विश्वकर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिसका अनुमोदन शेरपाल पांचाल द्वारा किया गया। सभा द्वारा प्रस्ताव पारित कर निवर्तमान अध्यक्ष नरेश विश्वकर्मा, संरक्षक वेद प्रकाश शर्मा, नवगठित अध्यक्ष जगदीश प्रसाद उर्फ जगदीश पांचाल तथा महासचिव मुकेश धीमान को अधिकृत किया गया। दिनांक 2 जुलाई 2024 को विश्वकर्मा चौक समिति ट्रस्ट के पंजीकरण के उपरांत अपंजीकृत समिति स्वतः भंग हो गई तथा चौक पर आयोजित होने वाले निर्माण कार्यो कार्यक्रमों एवं आयोजनों के समस्त अधिकार विश्वकर्मा चौक समिति ट्रस्ट के अधीन आ गए।

उन्होंने बताया कि 09 दिसंबर 2025 को नरेश विश्वकर्मा द्वारा एसएसपी के समक्ष एक भ्रामक साक्ष्य-विहीन एवं असत्य प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कर ट्रस्ट को अवैध ठहराने का प्रयास किया गया है। लेकिन नरेश विश्वकर्मा दुर्भावनापूर्ण एवं समाज को विमुख करने से स्वयं को अपंजीकृत विश्वकर्मा चौक समिति (जो अब अस्तित्व में नहीं है) का अध्यक्ष बताते हुए अनाधिकृत रूप से लेटर एवं रसीद बुक का उपयोग कर रहे है, जो भारतीय ट्रस्ट 1882 का स्पष्ट उल्लंघन है।

ट्रस्ट के पदाधिकारियों का आरोप है कि नरेश विश्वकर्मा स्वयं को ‘डॉक्टर’ के रूप में दर्शाते हुए चिकित्सीय गतिविधियां एवं समाज को गुमराह कर रहे हैं और उनके पास कोई चिकित्सकीय डिग्री अथवा शोधकीय डिग्री नहीं है। इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी, के समक्ष जांच प्रक्रिया लंबित है। ट्रस्ट ने एसएसपी से मांग कीर है कि कि उक्त विषय की सत्यता एवं न्याय की दृष्टि से प्रति एवं पंजीकृत दस्तावेजों के आधार पर विधिसम्मत जांच कर नरेश विश्वकर्मा के विरुद्ध कानूनी की जाए। प्रेस वार्ता में अशोक कुमार, देशपाल पांचाल, मांगेराम धीमान, अश्विनी धीमान आदि भी मौजूद रहे।

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