
LP Live, Muzaffarnagar: यूपी में परिषदीय स्कूलों को मर्ज किए जाने के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने संसद में मोर्चा खोल दिया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने स्कूल बंदी के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए इसे बच्चों के शिक्षा अधिकार और संविधान के उल्लंघन का गंभीर मामला बताया है। उनका कहना है कि स्कूलों को बंद करना शैक्षिक सुधार नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।


उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों को मर्ज करने के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) ने अब संसद तक मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे को लेकर सोमवार को राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस देकर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि स्कूल बंद करना शैक्षिक सुधार नहीं है, बल्कि ये बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। संजय सिंह द्वारा मानसून सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में दिए गए इस नोटिस को सभापति ने संज्ञान में लिया है। संजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि बच्चों के स्कूल को बचाने की लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक जारी रहेगी। शैक्षिक सुधार का मतलब स्कूल बंद करना नहीं, बल्कि उन्हें बेहतर बनाना होना चाहिए।
संजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि उत्तर प्रदेश में हजारों सरकारी स्कूल या तो बंद किए जा चुके हैं या फिर बंद होने की प्रक्रिया में हैं। अकेले यूपी में अब तक 10,827 प्राथमिक स्कूलों का विलय हो चुका है और 25,000 से अधिक स्कूल पूरी तरह से बंद किए जा चुके हैं। इसके अलावा 5,000 और स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया जा चुका है। संजय सिंह का कहना है कि इस प्रक्रिया से बच्चों को पढ़ाई के लिए 3 से 4 किलोमीटर या उससे ज्यादा दूरी तय करनी पड़ रही है।












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