हाथरस में जल्द पूरा होगा जिला कारागार का निर्माण
आजमगढ़ में फॉरेंसिक लैब के निर्माण में भी आएगी तेजी


योजना विभाग की टेक्निकल सेल को निर्माण कार्य की सौंपी जिम्मेदारी
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश के समेकित विकास के लिए योगी सरकार तेजी के साथ आगे बढ़ रही है, जिसमें योगी सरकार का लक्ष्य प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का है। प्रदेश में बेहतर नागरिक सुविधाएं व विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित करने की दिशा में भी विस्तृत कार्ययोजना के तहत कार्य किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद अब योगी सरकार ने आजमगढ़ में 39 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से फॉरेंसिक लैब तथा हाथरस में 146 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से नए जिला कारागार के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने की दिशा में तकनीकी विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर योजना विभाग की टेक्निकल सेल द्वारा इन कार्यों को पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट (पीएमसी) एजेंसी के निर्धारण के प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) माध्यम से पूर्ण किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया की पूर्ति के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) माध्यम के जरिए आवेदन मांगे गए हैं। इन दोनों परियोजनाओं को 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। जहां आजमगढ़ में निर्माणाधीन फॉरेंसिक लैब के निर्माण संबंधी आर्किटेक्चरल डिजाइन को कार्यावंटन के उपरांत पीएमसी एजेंसी को 75 दिनों में पूरा करना होगा। आर्किटेक्चरल डिजाइन के पूरा हो जाने के बाद सभी निर्माण कार्यों को 18 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। इसी प्रकार हाथरस में निर्माणाधीन नवीन जिला कारागार के लिए कार्यावंटन प्राप्त करने वाली पीएमसी एजेंसी को ये सुनिश्चित करना होगा कि 18 महीनों में सभी निर्माण कार्यों को पूरी गुणवत्ता अनुरूप पूरा कर लिया जाए। इस दौरान पीएमसी एजेंसी को सुपरविजन एजेंसी के तौर पर कार्य करना होगा तथा परियोजना के अंतर्गत 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड निर्धारित किया गया है।

तकनीकी सुविधाओं से युक्त होगा कार्य
पीएमसी एजेंसी को दोनों ही परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण कार्यों की रिपोर्टिंग व मॉनिटरिंग प्रक्रिया को पूरा करना होगा। उसे ये सुनिश्चित करना होगा कि दोनों ही परियोजनाओं में इस दौरान रचनात्मक इनडोर स्पेसेस के निर्माण, उचित स्थान नियोजन के साथ ही यहां की जरूरतों के अनुसार विभिन्न कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाए। कम रखरखाव के साथ ही उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विद्युत, यांत्रिक और अन्य सेवाओं के एकीकृत डिजाइन पर काम करना होगा। पर्यावरण के मानकों के पालन के साथ ही हरित भवन, उत्तम वेंटिलेशन, जलवायु अनुकूल वास्तुकला, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के साथ जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी तमाम प्रक्रियाओं को भी एजेंसी की देखरेख में पूर्ण किया जाएगा।
