वरिष्ठ पत्रकार ओ.पी. पाल की पुस्तक ‘प्रतिबिंब’ में हरियाणवी साहित्य व संस्कृति की झलक
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुरुग्राम में भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र का भी किया शिलान्यास।राज्यपाल ने कहा, अभिभवाक युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति व सभ्यता की उपलब्धियों से अवगत करा उन्हें सही राह चुनने में मदद करे


LP Live, Gurugram: हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सभी अभिभवाक अपने बच्चों को हमारी प्राचीन संस्कृति के ज्ञान के साथ-साथ, प्राचीन वैज्ञानिक उपलब्धियों एवं आधुनिक काल में प्राप्त उपलब्धियों के बारे में जानकारी दें। राज्यपाल शनिवार को गुरुग्राम के सेक्टर 9ए में इंटरनेशनल दिव्य परिवार सोसाइटी एवं चाणक्य वार्ता परिवार द्वारा स्थापित होने वाले भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के शिलान्यास व त्रिदिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर उन्होंने हरियाणा के साहित्य, लोक कला तथा सांस्कृतिक क्षेत्र से जुडी विभूतियों के साक्षात्कार पर आधारित वरिष्ठ पत्रकार ओ.पी. पाल की पुस्तक ’प्रतिबिम्ब’ का भी विमोचन किया। वहीं साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले साहित्यकारों को सम्मानित भी किया।

कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि भारत का इतिहास साहित्य, भाषा, कला, संगीत, नृत्य, संस्कृति, स्थापत्यकला, वास्तुकला, मूर्तिकला, चित्रकला के मामले मे प्राचीन एवं अत्यंत गौरवशाली रहा है। जिसको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक पटल पर एक नई पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के लिए बहुत ही गौरव की बात है कि आज विश्व के अनेक देशों में रहने वाले लोग हमारी संस्कृति को अपने जीवन में अपना रहे है। कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि एवं हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि भारतीय संस्कृति व भारतीय विचारों को जीवंत करने व इसे और अधिक प्रभावी बनाने में यह सांस्कृतिक केंद्र एक सार्थक भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति व सभ्यता विश्व की सर्वाधिक प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृति व सभ्यता है। इस अवसर पर भारत अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के अध्यक्ष डॉ. योगेन्द्र नारायण, दिव्य परिवार सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अमित जैन, अध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त सचिव डॉ. सुरेंद्र जैन, नागालैंड से राज्यसभा सांसद श्रीमती फांगनोन कोन्याक, भारत अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के संरक्षक लक्ष्मी नारायण भल्ला, डॉ. स्वामी रामेश्वरानंद, हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के उपाध्यक्ष प्रो.
डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
