मुजफ्फरनगर की 16 पेपर मिलो के पानी की जांच को लखनऊ भेजे नमूने


LP Live, Muzaffarnagar: औघोगिक ईकाइयां से मुजफ्फरनगर की आबोहवा ही नहीं पानी भी प्रदूषण हो रहा है, जिस प्रभाव हिंडन और काली नदी पर भी पड़ता है। पेपर मिलों से निकलने वाले डिस्चार्ज के कारण जल प्रदूषण बढ़ने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 16 पेपर मिलो की जांच की, जिसमें उनका ईटीपी प्लांट देखने के साथ पानी के नमूने जब्त किए है, जिसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।

मुजफ्फरनगर में 28 पेपर मिलों को संचालन हो रहा है। इन पेपर मिलों में सबसे अधिक क्राफ्ट पेपर का निर्माण होता है। पेपर निर्माण में अपशिष्ट सामानों के साथ कैमिकल आदि का प्रयोग भी होता है, जिसमें बड़ी मात्रा में पेपर का भी प्रयोग होता है। ऐसे में पेपर मिलों का जहरीला पानी नदी-नालों तक भी पहुंचता है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिम्मेदारी इस जहरीले पानी पर भी नियंत्रण करना है। पिछले दिनों भोपा रोड, जानसठ रोड के नदी नालों से काली नदी में पहुंचने वाली पानी को लेकर सवाल खड़े हुए थे, जिसके लिए कुछ मामले एनजीटी में भी पहुंचे थे। इसको लेकर पेपर मिलों पर सख्ती बढ़ाई गई है। आगामी तिथियों में जल प्रदूषण पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुजफ्फरनगर को रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, जिसको लेकर भोपा रोड और जानसठ रोड के बीच क्षेत्र में संचालित 16 पेपर मिलों पर जांच हुई। विभाग के एई कंवर बहादुर सिंह के नेतृत्व में जेई ने जांच की। सभी पेपर मिलों के ईटीपी का संचालन की जांच की और वहां ट्रीटमेंट के पानी का नमून जब्त किए। सभी मिलों के नमूने लखनऊ प्रयोशाला को भेजे गए। नमूने के परिणामों के अधार पर पेपर मिलों पर कार्रवाई होगी। रिपोर्ट एनजीटी को भी प्रेषित की जाएगी।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियत्रण बोर्ड के अधिकारी गीतेश चंद्रा ने बताया कि विभाग जल और प्रदूषण को लेकर जांच रूटीन में करता है। हाल ही में 16 पेपर मिलो के पानी के नमूने जब्त किए गए हैं। इसके साथ ही ईटीपी संचालन की भी जांच की गई है। रिपोर्ट में कमी मिलने पर कार्रवाई होगी। एनजीटी में भी रिपोर्ट भेजी जाती है
