राजू पाल हत्याकांड: कोर्ट ने 7 दोषियों को सुनाई सजा
सीबीआई कोर्ट से 6 को उम्रकैद और एक को चार साल की सजा


LP Live, Prayagraj: सीबीआई कोर्ट ने इलाहाबाद के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मामले में सात दोषियों को सजा सुनाई। कोर्ट ने इनमें से छह को उम्रकैद और एक दोषी को चार साल की सजा सुनाई है। इसी मामले में सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ व खालिद अजीम को नामजद किये गये थे।

प्रयागराम में सीबीआई कोर्ट ने 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में यह सजा सुनाई है। राजूपाल की हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण हुई थी, जिसमें दिवंगत विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में हत्या का मामला दर्ज कराया था। इस मुकदमें में सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ व खालिद अजीम भी नामजद किये गये थे। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच में एक खास गवाह रहे उमेश पाल की भी पिछले साल हत्या कर दी गई थी। इस मामले की सीबीआई जांच भी शुरु हुई तो पुलिस ने भी जांच पड़ताल की और 6 अप्रैल 2005 को इस हत्याकांड की विवेचना करने के बाद तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद और उनके भाई समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। बाद में 12 दिसंबर 2008 को मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई। 10 जनवरी 2009 को सीआईडी ने पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। लेकिन विधायक राजू पाल का परिवार सीआईडी की जांच से भी नाखुश था, लिहाजा 22 जनवरी 2016 को परिवार ने देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फरमान सुनाया। करीब तीन साल विवेचना करने के बाद सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और एक अक्टूबर 2022 को सीबीआई अदालत ने 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए, जिसमें अब 6 आरोपियों को उम्र कैद की सजा और एक दोषी को 4 साल की सजा हुई है।
