
LP Live, Muzaffarnagar: बीएसए कार्यालय में डीसी विकास त्यागी के नाट्कीय अंदाज गायब रहने और फिर सामने आकर बीएसए पर प्रताड़ित करने आरोप लगाने का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ। इस प्रकरण में कार्यालय में एक प्रधान सहायक लिपिक की गतिविधियों को संदिग्ध मानते हुए उन्हें कार्यालय से हटाकर नगर कार्यालय भेजा गया है। हालांकि स्थानांतरण आदेश में इस मामले का जिक्र किए बिना तीन वर्ष वाली स्थानांतरण नियमावली का हवाला दिया गया है।


करीब दो महीने पूर्व बीएसए कार्यालय में मिड डे मील पटल देखने वाले डीसी विकास त्यागी बीएसए के बुलाने की जानकारी परिजनों को देकर गायब हो गए थे। मामला बढा तो पुलिस जांच में जुट गई, जिसमें विकास त्यागी के गायब होने से पहले व अन्य समय कार्यालय के प्रधान सहायक लिपिक अशोक मलिक की काल डिटेल पुलिस को मिली, जिस कारण पुलिस ने कई दिन उन्हें थाने में बैठाकर रखा। कुछ दिन बात विकास त्यागी सामने आए और बीएसए पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए। बीएसए ने आरोप का खंडन करते हुए उनके नवीनीकरण स्वयं करने की जानकारी डीएम को दी। इसके बाद मामले की जांच एसडीएम खतौली को दी गई, जो अभी तक लंबित है। विभाग की स्थिति को सामान्य करने के लिए बीएसए ने प्रधान सहायक अशोक मलिक का स्थानांतरण नगर के बीईओ कार्यालय में किया। वहीं नगर क्षेत्र से प्रधान सहायक निलेश पंवार को बीएसए कार्यालय में भेजा। दोनों के स्थानांतरण आदेश में समूह ग के कर्मिकों का प्रत्येक तीन वर्ष बाद पटल व क्षेत्र परिवर्तन का हवाला दिया गया है। निलेश पंवार ने बीएसए कार्यालय में ज्वाइंन कर लिया, जबकि अशोक मलिक ने अभी ज्वाइनिंग नहीं ली है।

बीएसए संदीप कुमार का कहना है कि ट्रांसफर पालिसी के तहत स्थानांतरण किया है। दो प्रधान सहायकों का स्थानंतरण किया है। नगर क्षेत्र से बीएसए कार्यालय में निलेश ने ज्वाइन कर लिया है, लेकिन अशोक मलिक ने अभी ज्वाइन नहीं किया है, नियमो और आदेश का पालन नही करने पर कार्यवाही भी की जाएगी।











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